घायल जवान को बचाने के लिए IAF ने लगाई जान की बाजी, कटा हाथ जुड़ा
Ladakh: इसको कहते हैं जज्बा...फोर्स केवल लड़ने वाली सेना का नाम ही नहीं, बल्कि एक टीम भी है. एक ऐसी टीम जो हर जवान को अपने परिवार का सदस्य मानती है और उसके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहती है. एक ऐसा ही वाकिया कल यानी शुक्रवार रात लेह में उस समय देखने को मिला जब भारतीय वायु सेना आर्मी के एक जवान को बचाने के लिए देवदूत बन गई. वायु सेना ने रात के घने अंधेरे और लेह जैसे जोखिम वाले इलाके की परवाह किए बिना वहां अपना विमान उतारा और जख्मी जवान को एयरलिफ्ट कर राजधानी दिल्ली पहुंचाया. समय से इलाज मिलने की वजह से जवान के हाथ की सफल सर्जरी हो सकी. एक अधिकारी ने डॉक्टरों के हवाले से बताया कि अगर जवान को समय पर इलाज न मिलता तो वह पूरी उम्र के लिए दिव्यांग हो सकता था.
मशीन चलाते समय कटा जवान का हाथ
दरअसल, 9 अप्रैल को लद्दाख में मशीन ऑपरेट करते समय सेना के एक जवान का हाथ कट गया. तभी वहां मौजूद साथी जवानों ने हाथ से बहते खून को रोकने के लिए कस कर कपड़ा बांधा और उसके हाथ के टुकड़े को बर्फ के थैले में रखकर उसको आनन-फानन में लेह के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार तो किया, लेकिन स्पेशल सर्जरी की व्यवस्था न होने पर दिल्ली जाने की सलाह दी.
-Every life matters
-#IndianAirForce launched C-130J aircraft to Ladakh to airlift #IndianArmy soldier after he suffered major injury in the field
-R&R undertook highly complex 9-hour surgery to save his arm & life
-Nation salutes everyone involved pic.twitter.com/UMsC73hwtC— Insightful Geopolitics (@InsightGL) April 13, 2024
लेह से दिल्ली की दूरी कम न थी ऊपर से रात का समय. मुश्किलें कम न थीं लेकिन सवाल साथी जवान की जान का था. तभी इसके लिए सेना ने तुरंत भारतीय वायु सेना से संपर्क किया गया, जिसने हिंडन एयर बेस से सी-130जे हरक्यूलिस विमान को तुरंत लेह के लिए रवाना किया. हालांकि अंधेरी रात में विमान को लेह जैसे दुर्गम इलाके में लैंड करना सुरक्षित नहीं माना जाता. लेकिन वायु सेना ने जान की बाजी लगाकर रात के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का उपयोग किया और घायल जवान को वहां से एयरलिफ्ट किया.
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9 घंटे की सफल सर्जरी के बाद जोड़ा गया हाथ
वायु सेना ने रात को ही घायल जवान को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में पहुंचाया, जहां 9 घंटे की पेचीदा सर्जरी के बाद उसके हाथ को सफलता पूर्वक जोड़ दिया गया. वायु सेना का यह एयरलिफ्ट ऑपरेशन देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस ऑपरेशन से यह भी पता चलता है कि कैसे सेना के एक-एक जवान की देश के लिए क्या कीमत है?