यूपी-बिहार में INDIA को बड़ा झटका देंगे ओवैसी, M फैक्टर करेगा काम?
Lok Sabha Election 2024 Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र और तेलंगाना में मिली सफलता से ओवैसी काफी उत्साहित हैं। वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 5 सीटों पर मिली जीत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में मिली आंशिक सफलता से उनका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। इस सफलता से उत्साहित ओवैसी ने अब यूपी-बिहार की ऐसी सीटों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसा माना जा रहा है कि ओवैसी यूपी और बिहार की करीब 12 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकते हैं। हालांकि, उनका यह कदम अल्पसंख्यक वोटों की उम्मीद लगाए पार्टियों के लिए एक बड़े झटके की तरह है।
पिछले चुनाव में तीन लोकसभा सीटों पर उतारे प्रत्याशी
गौरतलब है कि पिछले संसदीय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर AIMIM के प्रत्याशी उतारे थे। इसमें तेलंगाना की हैदराबाद, महाराष्ट्र की औरंगाबाद और बिहार की किशनगंज सीट शामिल हैं। ओवैसी इस समय हैदराबाद से ही सांसद हैं। किशनगंज सीट पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी को करीब 3 लाख वोट मिले थे। किशनगंज में 70 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। औरंगाबाद में भी पार्टी को जीत मिली थी।
बिहार की 8 सीटों पर AIMIM उतार सकती है उम्मीदवार
ओवैसी की पार्टी AIMIM इस बार बिहार की आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है। इसमें से चार सीटें सीमांचल की हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली जीत से यह तय है कि यहां वह अन्य पार्टियों को कड़ी टक्कर देगी। पार्टी की झारखंड की दो-तीन सीटों पर लड़ने की भी योजना है।
यूपी में 58 सीटों पर AIMIM को मिले कांग्रेस से ज्यादा वोट
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में AIMIM ने 95 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें से 58 सीटों पर उसे कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे। माना जा रहा है कि ओवैसी अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, संभल और मुरादाबाद में प्रत्याशी उतार सकते हैं। उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह यूपी में 10-15 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारने का मन बना रहे हैं।
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पश्चिमी यूपी-बिहार पर नजर
ओवैसी का मानना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल यानी रालोद के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में शामिल होने के बाद समाजवादी पार्टी कमजोर पड़ गई है। वहीं, बंगाल से सटे बिहार के सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें हैं। इन सीटों में किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया शामिल हैं। किशनगंज में सबसे ज्यादा मुस्लिम है। यही वजह है कि 1967 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के लखनलाल कपूर के बाद यहां कोई हिंदू प्रत्याशी नहीं जीता।
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