'घर की मिठाई भी खिचड़ी की तरह...', Lok Sabha Election का टिकट कटने पर छलका पूर्व CM का दर्द
भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अहमदाबाद
Gujarat Former CM Nitin Patel Interview: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर गुजरात में राजनितिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। कहीं जनता अपने मन की भड़ास निकाल रही है तो कहीं उपेक्षित नेता अपना दिल हलका कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो, लेकिन राजनेताओं ने अपनी कसरत शुरू कर दी है और चुनावी मौसम ही एक ऐसा मौसम होता है, जब दिल की बात ज़ुबान पर आ ही जाती है। सबसे पहले बात गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नितिन पटेल की करें, जिनके मुंह तक कई बार निवाला आते-आते छीन गया। वे मेहसाणा में एक सभा को सम्बोधित कर रहे कि उनका दर्द एक बार फिर उनकी जुबां पर आ गया।
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— BB News Gujarat (@bbnewsgujarat) March 13, 2024
तंज कसते हुए मजाकिया अंदाज में ली चुटकी
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को घर की मिठाई खिचड़ी की तरह लगती है और पराए की गंदी खिचड़ी भी मिठाई की तरह लगती है। पटेल के इस बयान को गुजरात में भाजपा की तरफ से शुरू किए गए भर्ती मेले और उनकी उम्मीदवारी पर तंज माना जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी की मैं गैर-जरूरी मदद नहीं करता हूं और न ही कोई चमचागिरी करता हूं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि वह अकेले नहीं हैं, जिनकी बस छूट गई। उनके जैसे कई और भी हैं।
मुख्यमंत्री बनने की ख़ुशी में मिठाई बांट चुके, मीडिया को इंटरव्यू दे चुके नितिन पटेल को उस वक्त सबसे बड़ा सदमा लगा था, जब ऐन वक्त पर विजय रुपानी का नाम गुजरात CM के तौर पर घोषित कर दिया गया था। उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने जैसे और कई अवसर आए, जहां उन्हें फजीहत झेलनी पड़ी और आखिरी अवसर कुछ दिनों बाद ही आया था, जब लोकसभा के उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ली थी।
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सीआर पाटिल को ग्रामीणों ने स्कूल को लेकर घेरा
वही वड़ोदरा के एक सरपंच ने सीआर पाटिल को भरी सभा में आइना दिखा दिया, जिसके बाद उनके कार्यकर्ताओं को सरपंच को जबरन बिठाना पड़ा। वड़ोदरा में भाजपा जिला कार्यलय के उद्घाटन के बाद सीआर पाटिल के सम्बोधन के दौरान, जब वे विकास के दावे बुलंद कर रहे थे, उसी वक्त वडोदरा के खटांबा गांव के सरपंच कमलेश नाई मंच के सामने आ गए।
वे सीआर पाटिल से कहने लगे कि उनके गांव में कोई स्कूल नहीं है। उन्होंने पाटिल से शिकायत की कि कई बार कहने के बावजूद गांव में कोई स्कूल नहीं है और बच्चों को पढ़ने के लिए कहीं और जाना पड़ता है। शिकायत के बाद पाटिल ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही वे स्कूल खोलने की व्यस्था करेंगे जिसके बाद मामला शांत हुआ।
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