जानिए बंगाल, असम और देश के अन्य हिस्सों में कैसे CAA का फायदा उठाने जा रही है भाजपा?
दिनेश पाठक, नई दिल्ली
How BJP Will Use CAA In Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी भारत सरकार ने देश में CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है। बीती 11 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका विरोध भी शुरू हो गया है। यूं, यह कानून केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2019 में ही पास कर लिया था लेकिन लागू नहीं हो सका था। अब मौका देखकर सरकार ने इसे पूरे देश में एक साथ लागू करने की घोषणा कर दी।
देशभर में लागू हुआ CAA, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
◆ 3 देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
◆ हिन्दू-सिख-बौद्ध-पारसी-जैन-ईसाई धर्म के शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता #caa | Citizenship Amendment Act | #NRC pic.twitter.com/hHjOhQd6Cm
— News24 (@news24tvchannel) March 11, 2024
सरेदस्त तो इस कानून में सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है। सरकार पकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं को नागरिकता दे देगी। देखने में ऐसा लग सकता है कि इसमें किसी को क्यों दिक्कत होगी? तीनों मुस्लिम देशों से जो भी अल्पसंख्यक हिंदू भारत में आकर रह रहे हैं, उन्हें आसानी से नागरिकता मिल जाएगी। पूरे देश के लिए यही ताजी सूचना है। लेकिन, भाजपा आम चुनाव में इसका फायदा किस तरीके से उठाएगी, इस सवाल ने तस्वीर को बेहद रोचक बना दिया है।
हिंदू मतों को एकजुट करना होगा आसान
सरकार के इस फैसले से पूरे देश में हिंदू मतों को एकजुट करना आसान होगा। मुस्लिम समुदाय के विरोध का कारण भी शायद यही है। जो राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, उसके पीछे भी यही विज्ञान है, यही अंकगणित है। क्योंकि ये दल खुद को मुस्लिम वोटों के ठेकेदार या रहनुमा होने का दवा करते हैं। पश्चिम बंगाल और नॉर्थ-ईस्ट में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है। क्योंकि इन राज्यों में सबसे ज्यादा हिंदू अल्पसंख्यक बांग्लादेश या पूर्वी पाकिस्तान से आकर वर्षों से निवास कर रहे हैं।
ये लोग नागरिकता की मांग कर रहे हैं। कई राज्यों में तो उन्हें वोट देने का अधिकार भी मिल गया है लेकिन नागरिकता का रास्ता साफ नहीं हुआ था। इसके लिए छोटे-छोटे गुटों में लगातार धरना-प्रदर्शन वर्षों से होते आ रहे हैं। इन राज्यों के मूल निवासी इसीलिए इस प्रस्तावित कानून का विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें लगता था कि नागरिकता पाने के साथ ही ये उनके मूल हक पर अधिकार जमा लेंगे। पर, उनका विरोध दरकिनार कर केंद्र सीएए लागू कर चुकी है। इसका लाभ उसे चुनावों में मिलना तय है।
बंगाल में मिल सकता है भाजपा को लाभ
भारतीय जनता पार्टी के लिए पहेली बना पश्चिम बंगाल केंद्र में सत्तारूढ़ दल के लिए इस बार कुछ न कुछ कमाल जरूर करेगा। इस पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। कारण यह है कि पश्चिम बंगाल की करीब 15 लोकसभा और 40 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतुआ और राजवंशी समुदाय के लोगों का असर है। ये एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग से आते हैं और चुनाव में निर्णायक भूमिका में होते हैं। सब के सब बांग्लादेश से आकर बसे हैं और लंबे समय से नागरिकता की मांग करते आ रहे हैं।
जो कहा सो किया...
मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी। pic.twitter.com/YW8mFyjJxJ
— BJP (@BJP4India) March 11, 2024
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने इन्हें नागरिकता का अधिकार देने की घोषणा की थी। अब चुनाव में जाने से पहले यह मांग पूरी करके भाजपा पश्चिम बंगाल की इन 15 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर सीधा फायदा ले सकती है। पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों की सरकार बनाने में इनकी बड़ी भूमिका थी तो ममता बनर्जी को भी सत्तारूढ़ करने में यह समुदाय सबसे आगे रहा है। इसके साथ ही यह समुदाय एक धार्मिक आंदोलन भी करता आ रहा है, जिसे हाल के वर्षों में भाजपा ने भी हवा दी है।
नागरिकता पाने की प्रोसेस भी आसान की
इस बीच ममता बनर्जी का जादू इस क्षेत्र में कुछ कम हुआ है। कमोबेश यही स्थिति असम और पूर्वी भारत के अन्य छोटे-छोटे राज्यों की है। इन राज्यों में शरणार्थियों की संख्या अच्छी-खासी है। सभी नागरिकता की मांग कर रहे थे। अब उन्हें यह आसानी से मिल जाएगी। सरकार ने नागरिकता का प्रॉसेस भी बेहद सरल बना दिया है। ऐसे में इसका सीधा लाभ भाजपा और उसके समर्थक दलों को आगामी चुनाव में मिल सकता है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 और असम में 14 सीटें हैं।
नॉर्थ-ईस्ट के बाकी राज्यों में ज्यादातर एक या दो सीटें हैं। इस तरह लगभग 10 फीसदी सीटों पर इस नए कानून का सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है। देश के बाकी हिस्सों में इसका लाभ भाजपा को अलग तरीके से मिल सकता है। इस चुनाव में सीएए की भूमिका हिंदू मतों को एकजुट करने में ठीक वैसे ही होगी, जैसी राम मंदिर, महाकाल, बाबा विश्वनाथ परिसरों का नवीनीकरण, अन्य मंदिरों के उद्धार की है। भारतीय जनता पार्टी या एनडीए के लिए यह एक चुनावी टूल साबित हो सकता है।
The Modi government today notified the Citizenship (Amendment) Rules, 2024.
These rules will now enable minorities persecuted on religious grounds in Pakistan, Bangladesh and Afghanistan to acquire citizenship in our nation.
With this notification PM Shri @narendramodi Ji has…
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 11, 2024
चुनावी टूल इसलिए क्योंकि 80 फीसदी हिंदूू मतों के एकजुट होने की स्थिति में फायदा केवल और केवल भाजपा को होगा और 20 फीसदी मुस्लिम वर्ग एकजुट हो नहीं पाएगा क्योंकि उसके कई खेवनहार हैं। मतलब मुस्लिम मतों में बिखराव होगा तो कई छोटे-बड़े दलों का वोट प्रतिशत कम होने की आशंका है। इसका फायदा किसी और को नहीं बल्कि भाजपा नीत गठबंधन को ही होने वाला है।
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