वोटर होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं कर पाएगा 'गांधी परिवार', क्या है इसकी वजह?
New Delhi Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। सभी राजनीतिक दलों ने इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को धार देने का काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पार्टी राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन करने से भी गुरेज नहीं कर रही है। उसने दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन किया है, जिसके तहत वह तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, गांधी परिवार अपनी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट नहीं दे पाएगा। इसकी क्या वजह है? आइए जानते हैं...
पहली बार दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को वोट करेगा गांधी परिवार
दरअसल, AAP के साथ गठबंधन के तहत कांग्रेस को चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट मिली है, जबकि नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली है। नई दिल्ली सीट AAP के पास होने के कारण इस चुनाव में ऐसा पहली बार होगा, जब गांधी परिवार अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं दे पाएगा।
दिल्ली में 07 लोक सभा सीट है जिसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर लिया है, आम आदमी पार्टी के हिस्से में, 04 सीट आई है, और उन सभी चारों सीटों पर उम्मीदवारो की घोषणा आज आम आदमी पार्टी ने कर दी है... लोकसभा चुनाव के लिए AAP के प्रत्याशी -
नई दिल्ली लोकसभा, - Somnath… pic.twitter.com/XBiBCc9Xpa
— Dãñìsh khàñ MYL | دانش خان (@Danishkhan_a72) February 27, 2024
गांधी परिवार क्यों नहीं देगा कांग्रेस उम्मीदवार को वोट?
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से मतदाता है। सोनिया का मतदान केंद्र निर्माण भवन, मौलाना आजाद रोड, राहुल का मतदान केंद्र अटल आदर्श विद्यालय, औरंगजेब लेन, प्रियंका गांधी का अटल आदर्श विद्यालय, लोधी एस्टेट और राबर्ट वाड्रा का विद्या भवन महाविद्यालय सीनियर सेकेडरी स्कूल, लोधी एस्टेट में है। यहां से 'आप' के उम्मीदवार उतारने की वजह से ये चारों लोग अब कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे।
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10 से दिल्ली में कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट
गौरतलब है कि दिल्ली में कांग्रेस लगातार 10 साल से एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इस बार कांग्रेस ने AAP के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का दांव चला है। अगर बात नई दिल्ली सीट की करें तो यहां से कांग्रेस को कुल 7 बार जीत मिली है। अजय माकन 2004 और 2009 में यहां से सांसद चुने गए थे। हालांकि, 2014 और 2019 में उन्हें केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा सीटें आती हैं।
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