जेडीयू ने पूछी पीएम मोदी की जाति, तो गिरिराज बोले- पहले बताएं राहुल गांधी मुसलमान हैं या ईसाई
Lok Sabha Election 2024 PM Modi Caste OBC Giriraj Singh: जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार के पीएम मोदी की जाति पूछने के मामले में फिलहाल सियासत गरमाई हुई है। नीरज कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पीएम मोदी अपनी जाति छिपाना चाहते हैं। इसलिए वह जातीय जनगणना नहीं करा रहे हैं। इतना ही नहीं नीरज कुमार ने पीएम मोदी को वोट का सौदागर बता दिया। नीरज ने कहा कि पीएम मोदी ने मोढ़ घांची जाति से आते हैं जो कि सामाजिक और आर्थिक रूप से समृद्ध हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी जाति को ओबीसी में शामिल करा लिया। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में जेडीयू-कांग्रेस के साथ मिलकर जातीय जनगणना को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है। विपक्ष ओबीसी वोटरों को अपने पाले में करने के लिए जातीय जनगणना की रट लगाए बैठा है।
गिरिराज ने पूछा- राहुल गांधी मुसलमान हैं या ईसाई
जेडीयू एमएलसी के मोदी की जाति वाले बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीतिक विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं। पीएम मोदी गरीबों के मसीहा हैं। मोदीजी ने गरीबों को घर, पानी, बिजली और शौचालय दिए हैं। इसके बाद गिरिराज सिंह ने जेडीयू से कहा कि पहले वे राहुल गांधी की जाति बताएं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ब्राह्मण है या पारसी यह पता होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी से पूछें कि वे मुसलमान हैं या ईसाई।
यह है घांची जाति का इतिहास
पीएम मोदी मोढ़ घांची जाति समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वे ओबीसी है। पीएम मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कन्नौज की सभा में उन्होंने अपनी जाति घांची बताई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार गुजरात में घांची की आबादी 6 फीसदी है। बिहार और युपी में इस जाति को तेली नाम से जाना जाता है। घांची जाति के जो लोग मोढ़ेरा सूर्य मंदिर के आस-पास बसे थे इसलिए वह मोढ़ घांची कहलाए। घांची गुजरात में ओबीसी वर्ग में आते हैं। नीरज कुमार ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी ने सीएम रहते हुए घांची को ओबीसी का दर्जा दिलवाया। जबकि सच यह है कि 1955 में काका कालेलकर कमेटी ने घांची जाति को ओबीसी शामिल करने की सिफारिश की थी। वहीं सन 1994 में घांची जाति को ओबीसी में शामिल किया गया था। उस दौरान प्रदेश में कांग्रेस के छबीलदास मेहता सीएम थे। वहीं 1999 में घांची और तेली को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया था।