'फिर आप ही दे दो सबके जवाब', मोदी सरकार के मंत्री पर क्यों भड़के ओम बिरला?
Om Birla Arjun Ram Meghwal: लोकसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं, जो चर्चा का विषय बन जाते हैं। मंगलवार को कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भड़क गए। इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ओम बिरला मेघवाल से नाराजगी जताते दिख रहे हैं। आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है।
मंत्रियों के नाम से दर्ज दस्तावेज पेश करने पर उखड़े ओम बिरला
हुआ यूं कि मंगलवार को शून्यकाल शुरू होने से कुछ समय पहले ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर कार्यसूची में विभिन्न मंत्रियों के नाम से दर्ज दस्तावेज पेश किए गए। इस पर बिरला उखड़ गए।
VIDEO | Lok Sabha Speaker Om Birla urged the Minister of Parliamentary Affairs to ensure that the Ministers whose names have been listed in the List of Business may remain present in the House.#ParliamentWinterSession pic.twitter.com/OIy2cC7Ywp
— Press Trust of India (@PTI_News) December 3, 2024
मंत्री उपस्थित रहें...
उन्होंने कहा- ''संसदीय कार्य मंत्री जी। ये प्रयास करो कि जिस मंत्री का नाम सदन पटल पर रखा जाए, वह उपस्थित रहे। नहीं तो फिर आप ही दे दो सबके जवाब।'' ये सुनकर जहां अर्जुन राम मेघवाल झेंप गए तो वहीं दूसरी ओर सदन शोर से गूंज उठा। दरअसल, ओम बिरला सदन की कार्यसूची में शामिल मंत्रियों की अनुपस्थिति से खफा थे।
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इस तरह उखड़ गए ओम बिरला
मेघवाल ने वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के एक दस्तावेज को रखा था। यह देख ओम बिरला ने कहा कि सदन में बैठे उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को दस्तावेज सदन के सामने प्रस्तुत करना चाहिए था। इसके बाद मेघवाल ने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान का भी एक कागजात सदन के पटल पर रखा। जिस पर ओम बिरला ने नाराजगी जताई। आपको बता दें कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और मंत्री अर्जुन राम मेघवाल दोनों ही राजस्थान से आते हैं। ओम बिरला कोटा के रहने वाले हैं तो वहीं अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर के रहने वाले हैं।
पहले भी तल्ख अंदाज में नजर आ चुके हैं ओम बिरला
गौरतलब है कि ओम बिरला इससे पहले भी सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार तल्ख अंदाज में देखे गए हैं। मानसून सत्र के दौरान उन्होंने एक मंत्री को हड़काते हुए उन्हें जेब से हाथ बाहर निकालने के लिए कहा। उन्होंने कहा था कि मैं सदस्यों से आग्रह करता हूं कि हाथ जेब में डालकर सदन के अंदर मत आया करें।
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