Luna Crater: 4000 साल पहले भारत में गिरा था इतिहास का सबसे बड़ा Meteorite!
Largest Meteorite In History Fell In India: भारत के गुजरात राज्य में एक जिला है कच्छ। यहां पर एक रहस्यमयी जगह है जिसे लूना क्रेटर (Luna Crater) के नाम से जाना जाता है। 1.8 किलोमीटर चौड़े इस गड्ढे को लेकर अब तक केवल अनुमान लगाए जाते थे कि यह कैसे अस्तित्व में आया। लेकिन अब एक नई रिसर्च में इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस लूना क्रेटर के निर्माण के पीछे उल्का पिंड (Meteorite) की टक्कर हो सकती है।
Huge crater in India hints at major meteorite impact 4000 years ago
The Luna structure, a 1.8-kilometer-wide depression in north-west India, may have been caused by the largest meteorite to strike Earth in the past 50,000 yearshttps://t.co/LyQuLF6NLJhttps://t.co/oBfF6Wpjn3 pic.twitter.com/xyDq6OrzGJ
— David Ullrich (@DavidUllrich202) March 27, 2024
वैज्ञानिकों के अनुसार इस बात की संभावना को बल मिला है कि लूना क्रेटर का निर्माण एक उल्का पिंड की वजह से हुआ है। यह उल्का पिंड पिछले 50,000 साल में धरती से टकराने वाला सबसे बड़ा Meteorite बताया जा रहा है। रिसर्च के अनुसार टक्कर के बाद वाइल्डफायर और शॉकवेव्स को जन्म दिया होगा। इसी इलाके में हजारों साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के लोग रहा करते थे। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस टक्कर का असर निश्चित तौर पर एक परमाणु बम के बराबर रहा होगा।
Researchers Confirm Luna Crater Originated from Massive Asteroid Strike
Scientists have confirmed that the massive 1.8 km wide crater in Gujarat's Kutch region, known as the Luna structure, resulted from one of the largest asteroid crashes on Earth. Analysis suggests the impact… pic.twitter.com/yIBXyPT187
— Dalimss News (@Dalimss_News) March 27, 2024
लूना क्रेटर पर पहले भी कई रिसर्च हो चुकी हैं लेकिन किसी में इसके निर्माण को लेकर कुछ खास जानकारी सामने नहीं आई थी। हाल ही में केरल यूनवर्सिटी के केएस सजिनकुमार ने अपने साथियों के साथ इस पर रिसर्च शुरू की थी। इसमें यहां की मिट्टी में इरीडियम बड़ी मात्रा में मिला। इससे संकेत मिला है कि टकराने वाला उल्कापिंड लोहे का हो सकता है। कई वैज्ञानिकों ने इसका समर्थन किया है। लेकिन कुछ का मानना है कि इसे पूरी तरह सिद्ध करने के लिए और रिसर्च की जरूरत है।