हरियाणा के बाद झारखंड-महाराष्ट्र को कैसे साधेगी भाजपा? 'फ्री की रेवड़ी' वाली राजनीति करेगी पार्टी!
कुमार गौरव, नई दिल्ली
आम तौर पर मुफ्त की रेवड़ी वाली राजनीति से परहेज करने वाली भाजपा अब झारखंड और महाराष्ट्र में इसी तरीके को अपनाने की तैयारी में है। हरियाणा की तरह ही भाजपा अब झारखंड और महाराष्ट्र में भी कई लोकलुभावन वादे करने जा रही है। झारखंड की सत्ता में आने के लिए भाजपा का प्लान 'पंच प्रण' और 'फ्री रेवड़ी' का एजेंडा अमल में लाना है।
भाजपा ने हरियाणा में जमकर वादे किए और सत्ता की हैट्रिक लगाने में कामयाब रही। हरियाणा के लिए भगवा दल ने 20 सूत्रीय संकल्प पत्र जारी किया था। हरियाणा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बीजेपी ने आधी आबादी यानी महिलाओं को लुभाने के लिए वादे किए और सत्ता पाने में कामयाब रही। इसी तरीके से उसे ताजा सफलता अब हरियाणा में मिली है।
झारखंड की जनता से पांच वादे कर रही है BJP
इससे अभिभूत बीजेपी अब झारखंड में भी पांच वादे कर रही है। इसके तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2100 रुपये, सभी परिवारों को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, 5 साल में 28 लाख 87 हजार रोजगार, स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं को 2 हजार रुपये का मासिक भत्ता और सभी को आवास देने के वादे किए गए हैं। हालांकि, घोषणा पत्र अभी नहीं आया है।
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यहां रोचक बात यह है कि दूसरे राजनीतिक दलों की घोषणाओं को मुफ्त की रेवड़ी बताने वाली भाजपा अपनी घोषणाओं को मुफ्त की रेवड़ी नहीं, बल्कि जनकल्याण का नाम दे रही है। पार्टी ने वैसे तो अभी झारखंड के लिए अपना आधिकारिक मेनिफेस्टो तो जारी नहीं किया है, लेकिन भगवा दल ने अपने कुछ वादों को सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है।
आदिवासी वर्ग को इस तरह लुभा सकती है पार्टी
राज्य की 27 फीसदी आदिवासी आबादी को लुभाने के लिए पार्टी आदिवासी केंद्रित कई योजनाओं का वादा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक इन योजनाओं के तहत शहरी व ग्रामीण इलाकों में गरीबों को आवास, दो लाख पक्की सरकारी नौकरियां, वृद्धावस्था-दिव्यांग और विधवा पेंशन में इजाफा किए जाने का वादा भगवा दल की ओर से किया जा सकता है।
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इसके साथ ही सूत्रों के अनुसार बीजेपी प्रदेश के 18 से 19 साल तक के तकरीबन 6 लाख 53 हजार वोटरों को भी ध्यान में रखते हुए बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा करने वाली है।लेकिन इन सब से बढ़कर बीजेपी ने वादा किया है कि सरकार में आते ही राज्य में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) लागू करेगी।
आप ने शुरू की थी 'मुफ्त की रेवड़ी' की राजनीति
बता दें कि 'मुफ्त की रेवड़ी' वाली राजनीति की शुरुआत आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से की थी। बाद में ऐसे ही वादे कांग्रेस ने कर्नाटक और हिमाचल में किए। जिसकी वजह से इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद बीजेपी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्त की गारंटियां देकर तीनों राज्यों में अपनी सरकार बनाने में सफलता पाई।
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अभी हाल ही में हरियाणा में बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। 90 सीटों वाले राज्य में बीजेपी ने 48 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस 37 सीटें ही जीत पाई। एक ओर जहां कांग्रेस हार के कारणों की समीक्षा कर रही है, वहीं बीजेपी अब झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता में आने के लिए लोक लुभावन वादों की सूची तैयार कर रही है।