whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Explainer: महाराष्ट्र में फंसा 36 के आंकड़े का पेच, जानिए क्या हो सकता है NCP का भविष्य

10:46 PM Jul 02, 2023 IST | Pushpendra Sharma
explainer  महाराष्ट्र में फंसा 36 के आंकड़े का पेच  जानिए क्या हो सकता है ncp का भविष्य
NCP Ajit Pawar Sharad Pawar

नई दिल्ली: रविवार को इत्मिनान से बैठे लोगों को अचानक महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने नजर आई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), विपक्ष के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और थोड़ी देर बाद ही बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। जबकि एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। कहा जा रहा है कि अजित के साथ एनसीपी के 53 में से 40 विधायक आए हैं।

Advertisement

शरद पवार से पार्टी और सिंबल छिनने का खतरा 

इस तरह एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी के पास सिर्फ 13 ही विधायक रह गए हैं। हालांकि अभी तक ये एक ‘दावा’ ही है। अगले कुछ दिनों में बागी विधायकों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम से शरद पवार के लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। उनसे पार्टी और उसका सिंबल छिनने का खतरा पैदा हो गया है। ठीक वैसे ही- जैसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ किया था। अब अजित पवार और शरद पवार के बीच NCP का भविष्य ’36’ के जादुई आंकड़े पर आ टिका है। वही 36 का आंकड़ा जिसे ‘रंजिश’ या ‘दुश्मनी’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में यही 36 का आंकड़ा अब एनसीपी के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं पूरा समीकरण…

यह भी पढ़ें: तेलंगाना में राहुल गांधी की गर्जना, BRS को बताया ‘बीजेपी रिश्तेदार समिति’

Advertisement

अजित पवार पर भी खतरा कम नहीं 

अजित पवार के साथ गए एनसीपी के विधायकों की कुल संख्या कितनी है, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। यदि अजित के साथ 40 विधायक हुए तो एनसीपी आधिकारिक रूप से टूट जाएगी। अजित को पार्टी का नाम और सिंबल दोनों मिल सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो एनसीपी के बागी विधायकों के साथ वे अयोग्य साबित हो सकते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। अजित पवार को पार्टी के लिए दो तिहाई बहुमत का आंकड़ा पार करने की जरूरत है। ये आंकड़ा 36 बैठता है। यदि 36 विधायकों का आंकड़ा पार हो गया तो एनसीपी चीफ शरद पवार के हाथ से पार्टी और चुनाव चिह्न दोनों छिनने का खतरा बढ़ जाएगा। अजित पवार अब या तो राज्यपाल के सामने या फिर विधानसभा में इस 36 के आंकड़े को साबित कर सकते हैं।

Advertisement

करना पड़ सकता है दल-बदल कानून का सामना 

सियासी घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- अजित पवार के साथ एनसीपी के 53 विधायक थे। अगर 36-37 विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून के दसवें परिशिष्ट के तहत अयोग्य करार होने से बच सकते हैं, लेकिन यदि अजित के पास 35 से कम बचते हैं तो डिस्क्वालिफिकेशन होना तय है। जो शिवसेना के साथ हुआ था वह अजित पवार के साथ हो सकता है। चव्हाण ने आगे कहा- शरद पवार ने कहा है कि उनके विधायकों के दस्तखत झांसा देकर लिए गए थे। जिन लोगों ने धोखा दिया है उन्हें पवार साहब ने नेता बनाया, वो ईडी के डर के मारे भाजपा का दामन पकड़े हुए हैं। वह दरअसल, ईडी गुट है, लेकिन जनता पवार साहब के साथ है। हमें अंदेशा पहले से ही था कि गुट को तोड़ने की कोशिश की जाएगी।

और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

(Xanax)

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो