Manipur Fresh Violence: मणिपुर के पूर्वी इंफाल में ताजा हिंसा; 9 लोगों की मौत, 10 अन्य घायल
Manipur Fresh Violence: मणिपुर में पूर्वी इंफाल के खमेनलोक इलाके में बुधवार सुबह ताजा हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। पूर्वी इंफाल के एसपी शिवकांत सिंह ने कहा कि मारे गए लोगों के शव कब्जे में ले लिए गए हैं। पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया चल रही है।
ताजा हिंसक घटना केंद्र और राज्य सरकार के लिए एक बड़ा माना जा रहा है, क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार ये मानकर चल रही थीं कि केंद्रीय गृह मंत्री की मणिपुर यात्रा के बाद सभी चीजें ठीक हो रही थीं। पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों ने इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेलोक क्षेत्र के ग्रामीणों को घेर लिया और रात करीब एक बजे हमला किया।
पुलिस के मुताबिक, घायलों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसा की घटना जहां हुई है, वो क्षेत्र मैतेई-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं के पास स्थित है। इससे पहले, सोमवार रात खमेनलोक इलाके में आतंकवादियों और ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच हुई गोलीबारी में नौ लोग घायल हो गए थे।
इस बीच, जिला अधिकारियों ने इम्फाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक सामान्य रूप से सुबह 5 बजे से सुबह 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी है। बता दें कि एक महीने पहले मणिपुर में मीतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।
राज्य के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है
मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। एक मंत्री ने आज (11 जून) इंफाल में कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा से विस्थापित हुए 50,000 से अधिक लोग वर्तमान में राज्य भर में लगभग 349 राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. आरके रंजन ने कहा कि सभी जिलों में विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि मई की शुरुआत में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने पर पुलिस थानों से बड़ी संख्या में हथियार लूटे गए थे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने लोगों से हथियार डालने की अपील की है। बता दें कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं।
मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।
(Provigil)