मासूमों को चाकू से काटा, मैतेई महिलाओं से बर्बरता; पोस्टमार्टम रिपोर्ट में और क्या खुलासे?
Manipur Violence: मणिपुर के जिरीबाम जिले में जिस चिंगखेंगंबा सिंह और परिवार के 5 लोगों के शव सुरक्षाबलों को नदी से मिले थे। उसके परिवार की एक तस्वीर सामने आई है। जिसमें चिंगखेंगंबा सिंह और परिवार के पांच सदस्य दिखाई दे रहे हैं। चिंगखेंगंबा सिंह गुलाबी टीशर्ट में नजर आ रहा है। उसकी मां और 8 महीने का भाई जमीन पर कुछ दूर बैठे दिख रहे हैं। वहीं, सभी 6 लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मैतेई समुदाय के 3 साल के लड़के (चिंगखेंगंबा सिंह) के सिर में गोली लगने का घाव मिला है। छाती में चाकू के घाव मिले हैं। बांह और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी घाव हैं। दाहिनी आंख गायब है। बच्चे की 25 वर्षीय मां हेतोनबी देवी को भी बर्बरतापूर्वक मारा गया है। सीने में 3 गोलियां मारी गई हैं। एक गोली पीठ पर मारी गई है। बच्चे की 60 वर्षीय दादी रानी देवी को पांच गोलियां मारे जाने के निशान शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मिले हैं। तीन लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी पुलिस ने सौंपी नहीं है।
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बच्चे के 8 महीने के भाई लंगंबा सिंह, 31 साल की मौसी टी थोइबी देवी, 8 साल की मौसेरी बहन टी थजमनबी देवी की रिपोर्ट अभी पुलिस के पास है। चिंगखेंगंबा सिंह के पिता ने पुलिस से मांग की है कि सभी रिपोर्ट्स उनको सौंपी जाए। पिता लैशराम हीरोजीत के अनुसार अभी उनको पुलिस के जवाब का इंतजार है। एक समिति भी मामले में गठित की गई है। इस समिति का कहना है कि पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के एवज में कोर्ट के ऑर्डर मांग रही है। मणिपुर सरकार ने इस हत्याकांड को सुनियोजित बताया है। NIA को इसकी जांच सौंपी गई है। इन लोगों का घर मई 2023 में जला दिया गया था। मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों में संघर्ष के बाद ये लोग बोरोबेकरा के राहत शिविर में रह रहे थे।
Autopsy Reveals Chilling Details Of Family Kidnapped, Killed In Manipur https://t.co/NVixnRx6jf pic.twitter.com/qUPduEvZRs
— NDTV (@ndtv) November 24, 2024
11 नवंबर को हुआ था हमला
असम सीमा के पास इस शिविर पर 24 हथियारबंद उग्रवादियों ने 11 नवंबर को हमला किया था। जिसमें मैतेई समुदाय के दो लोग मारे गए थे। हमलावर दो गुटों में थे। एक गुट ने इन 6 लोगों को अगवा किया था। वहीं, दूसरे गुट ने घात लगाकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था। सीआरपीएफ ने हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया था। 45 मिनट बाद 10 उग्रवादियों के शव मिले थे। बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए गए थे। जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ था। 15-18 नवंबर के बीच सुरक्षाबलों को नदी से इन लोगों के अलग-अलग शव मिले थे। कुकी जनजातियों के नागरिक समाज संगठनों ने कहा था कि सुरक्षाबलों ने उनके 10 ग्रामीण स्वयंसेवकों को मारा है। अब 6 लोगों की हत्या के बाद सभी राजनीतिक दलों ने इसकी निंदा की है।
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