Manoj Soni कौन? जिन्होंने UPSC चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा; सड़क पर बेची अगरबत्ती, 2 बार फेल हुए UPSC
Manoj Soni UPSC Chairperson Profile: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। खबरों की मानें तो उन्होंने एक महीने पहले ही राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंप दिया था। मगर अभी तक उनके इस्तीफे को मंजूरी नहीं मिली है। मनोज सोनी ने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारणों को बताया है। हालांकि उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी 5 साल बाकी थे। 16 मई 2023 को उन्होंने अध्यक्ष के रूप में UPSC का कार्यभार संभाला था। उनका कार्यकाल 2029 को खत्म होना था लेकिन एक साल के भीतर ही मनोज सोनी के इस्तीफे ने सभी को चौंका कर रख दिया है।
2 बार फेल हुए UPSC
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि UPSC की बागडोर संभालने वाले मनोज सोनी 2 बार सिविल सेवा परीक्षा में फेल हो चुके हैं। आखिरी प्रयास होने के कारण मनोज सोनी फिर से परीक्षा नहीं दे सके थे। मगर शायद ही तब उन्होंने सोचा होगा कि एक दिन वो UPSC के चेयरमैन बनेंगे।
UPSC chairman Manoj Soni tenders resignation due to personal reasons. His resignation has not been accepted yet: Department of Personnel and Training (DoPT) Sources
— ANI (@ANI) July 20, 2024
5 साल की उम्र में हुई पिता की मौत
बता दें कि मनोज सोनी का बचपन काफी गरीबी में बीता है। 17 फरवरी 1965 को मुंबई में जन्में मनोज सोनी को बचपन से पढ़ाई का काफी शौक था। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मनोज पांच साल के थे तो उनके पिता की मौत हो गई। मनोज और उनकी मां ने जैसे-तैसे परिवार का खर्चा चलाया। हालांकि मनोज ने पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया। वो सड़कों पर अगरबत्ती बेचते और उसी पैसे से स्कूल की फीस दिया करते थे।
12वीं में हुए फेल
आर्थिक तंगी के कारण मनोज की मां ने मुंबई छोड़ने का फैसला किया। 1978 में मनोज का पूरा परिवार गुजरात के आणंद में बस गया। इसी बीच मनोज ने 12वीं की परीक्षा दी और वो फेल हो गए। मगर उन्होंने हार नहीं मानी। मनोज ने फिर से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने बड़ोदरा के एमएस विश्वविद्यालय से बीए और एमए की पढ़ाई पूरी की। साथ ही उन्होंने सरदार पटेल विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल रिलेशन विषय में डिग्री हासिल की।
UPSC का अधूरा सपना
करियर के बारे में सोचते हुए मनोज ने सिविल सेवा परीक्षा देने की सोची। हालांकि पहले प्रयास में वो प्रीलिम्स में फेल हो गए तो दूसरे प्रयास में इंटरव्यू पास नहीं कर सके। मनोज का UPSC में जाने का सपना अधूरा रह गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानीं।
2017 में बने UPSC का हिस्सा
मनोज सोनी कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर रह चुके हैं। 40 साल की उम्र में उन्हें वडोदरा स्थित महाराजा सायजीराव विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। इसी के साथ मनोज सबसे कम उम्र में वाइस चांसलर बनने वाले देश के पहले व्यक्ति बने थे। 2017 में मनोज सोनी को UPSC का सदस्य बनने का मौका मिला और 2023 में वो UPSC के चेयरमैन नियुक्त कर दिए गए थे।
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