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32 दिन में 50 जवान शहीद...डोडा आतंकी हमले पर फूटा महबूबा मुफ्ती का गुस्सा, देखें क्या बोलीं?

Mehbooba Mufti on Jammu Kashmir Terrorist Attacks: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का गुस्सा एक बार फिर से फूट पड़ा है। महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधते हुए जवानों की शहादत पर सवाल खड़े किए हैं।
01:47 PM Jul 16, 2024 IST | Sakshi Pandey
32 दिन में 50 जवान शहीद   डोडा आतंकी हमले पर फूटा महबूबा मुफ्ती का गुस्सा  देखें क्या बोलीं

Mehbooba Mufti on Jammu Kashmir Terrorist Attacks: जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। घाटी से आए दिन आतंकी मुठभेड़ की खबरें आती हैं। सेना और आतंकियों की गोलीबारी में जवानों की शहादत के किस्से रोज चर्चा में रहते हैं। बीते दिन जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में 4 जवान शहीद हो गए। इस पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती आगबबूला हो उठी हैं।

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DGP पर लगाए आरोप

जम्मू कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों पर बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि कश्मीर में जो हो रहा है, कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। DGP को हटाया जाना चाहिए। पिछले 32 दिन में 50 जवान मारे गए, लेकिन DGP राजनीतिक तरीके से चीजों को संभालने में व्यस्त हैं। उनका काम है कि पीडीपी के लोगों को कैसे तोड़ा जाए? आम लोगों को कैसे धमकाया जाए? पत्रकारों को कैसे तंग किया जाए? पासपोर्ट को हथियार बना दिया गया है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि UAPA ज्यादा से ज्यादा लोगों पर लगाया जा रहा है। बिजनेसमैन रो रहे हैं, कभी ईडी की रेड और कभी आयकर विभाग की रेड। मौलवियों को भी नहीं बख्शा जा रहा। उन्हें धमकी दी जाती है कि हमारे कहने पर काम नहीं करोगे तो जेल में डाल दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर के डीजीपी को बदला जाए। हमारे यहां पहले भी बहुत सारे DGP आए हैं। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है, मगर किसी ने सांप्रदायिक स्तर पर काम नहीं किया।

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ताबूत में वापस जाते हैं जवान- महबूबा मुफ्ती

सरकार पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पूरे देश से सैनिक कश्मीर में ड्यूटी करने आते हैं, लेकिन वापस ताबूतों में जाते हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? फिर कहते हैं कि घाटी में आतंकवाद खत्म हो गया है। पिछले 32 महीनों में, खासकर जब से नए DGP की नियुक्ति हुई है, सबसे ज्यादा जवानों की जान गई है।

महबूबा मुफ्ती का कहना है कि बॉर्डर की निगरानी आप करते हैं तो घुसपैठिए कैसे अंदर घुस आते हैं? क्या यह स्थानीय पार्टियों की जिम्मेदारी है? पिछले 6 साल से आपने यही धारणा बनाई थी, मगर आपको क्या मिला? उत्तरी कश्मीर में लोगों ने आपके मुंह पर तमाचा मारा है। जनता ने सभी पार्टियों को रिजेक्ट करके निर्दलीय उम्मीदवार के हक में फैसला सुनाया।

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