मोदी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, खाद पर मिलेगी ज्यादा सब्सिडी
Modi Cabinet Decision on DAP: नये साल के पहले दिन केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में सरकार ने किसानों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए। सरकार ने डीएपी फर्टिलाइजर बनाने वाले कंपनियों के लिए स्पेशल पैकेज को मंजूरी दी है। सरकार कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त वित्तीय मदद भी करेगी। सरकार ने इस पैकेज को 31 दिसंबर 2025 तक के लिए मंजूरी दी है। इसके अलावा फसल बीमा योजना को किसानों के लिए आकर्षक बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी भी मिली है।
डीएपी खाद के लिए अतिरिक्त पैकेज को मंजूरी
सरकार फर्टिलाइजर पर ज्यादा सब्सिडी देगी। किसानों को 50 किलो का एक डीएपी फर्टिलाइजर्स बैग सिर्फ 1,350 रुपये में मिलता रहेगा। कैबिनेट ने डीएपी खाद के लिए 3,850 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। 2014 से ही पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को कोविड और युद्ध संबंधी व्यवधानों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव का खामियाजा न भुगतना पड़े। 2014-24 तक खाद सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2004-14 (5.5 लाख करोड़ रुपये) से दोगुनी है।
फसल बीमा योजना की दर भी होगी कम
इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने अतिरिक्त पैकेज का ऐलान किया, ताकि किसानों पर इसका कोई असर न पड़े। वहीं, केंद्र सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा योजना को आसान बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत फसल बीमा के नियम और कानून में संशोधन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 69515 करोड़ का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गई। इसके तहत बुवाई से कटाई के बाद तक फसलों के लिए व्यापक सुरक्षा होती है। प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण होने वाले नुकसान को भी कवर किया गया। प्रीमियम दर 16 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत की गई, जिससे 10,500 करोड़ से अधिक की बचत हुई।
जानें इंटरनेशनल मार्केट में क्यों बढ़ी कीमत?
बता दें कि भारत अपनी कुल डीएपी मांग का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है। आयात मुख्य रूप से चीन, सऊदी अरब और मोरक्को जैसे देशों से किया जाता है। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमत बढ़ने के कारण डीएपी की लागत में वृद्धि होती है। ऐसे में सरकार किसानों को राहत देने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। फसल बीमा योजना को आसान बनाने के लिए उसके नियम और कानून को संशोधित किया जाएगा। सस्ते दर पर और आसान नियम के तहत फसलों का बीमा हो पाए इसकी व्यवस्था होगी।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी से बातचीत नहीं करेगा एसकेएम
इधर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के साथ बातचीत करने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने एसकेएम को चर्चा के लिए 3 जनवरी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। एसकेएम ने कहा एसकेएम न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता क्योंकि किसान केंद्र सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं। जहां न्यायालय की कोई भूमिका नहीं है।
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इस बीच खनौरी बाॅर्डर पर 4 जनवरी को महापंचायत बुलाई है। किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने 4 जनवरी को महापंचायत बुलाई है। जिसमें वे किसानों को जरूरी संदेश देंगे। इस महापंचायत में पंजाब के अलावा आसपास के राज्यों के किसान भी शामिल होंगे।
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