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कौन था मोहम्मद अफसान? रूस की सेना में धोखे से हुआ था शामिल, जंग में गई जान

Who was Mohammed Afsan Died In Russia War: हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद अफसान को एक एजेंट ने हेल्पर के तौर पर काम दिलाने की बात कहकर रूस भेजा था। लेकिन वहां उसे यूक्रेन के खिलाफ जंग में लड़ने के लिए भेज दिया गया था। नौकरी के साथ-साथ अफसान और उसके जैसे कुछ और भारतीयों को बढ़िया सैलरी और रूस का पासपोर्ट व नागरिकता दिलाने का वादा भी किया गया था।
10:15 AM Mar 07, 2024 IST | Gaurav Pandey
कौन था मोहम्मद अफसान  रूस की सेना में धोखे से हुआ था शामिल  जंग में गई जान
Mojammed Afsan died after being duped into joining Russian war

Who was Mohammed Afsan Died In Russia War : रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रही जंग में एक और भारतीय नागरिक की जान चली गई है। इस शख्स की पहचान मोहम्मद अफसान के रूप में हुई है। मॉस्को में भारतीय दूतावास ने अफसान की मौत की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार 30 साल का मोहम्मद अफसान एक जॉब स्कैम का शिकार हुआ था और उसे धोखे से रूस की सेना में शामिल कराया गया था।

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इससे कुछ सप्ताह पहले रूस की सेना में हेल्पर के तौर पर काम करने वाले एक 23 साल के भारतीय की यूक्रेन की एयर स्ट्राइक में जान चली गई थी। ये घटनाएं ऐसे समय में हो रही हैं जब लगभग एक दर्जन भारतीय यह कह चुके हैं कि ऐसे ही फर्जीवाड़े का शिकार बनने के बाद उन्हें रूस की सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। इस रिपोर्ट में जानिए मोहम्मद अफसान कौन था और किस तरह वह रूस की सेना में शामिल हो गया था?

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कौन था मोहम्मद अफसान?

अफसान हैदराबाद के बाजार घाट इलाके का रहने वाला था। कॉमर्स ग्रेजुएट अफसान पहले पुरुषों के एक क्लोथिंग स्टोर में काम किया करता था। इस दौरान एक एजेंट ने उसे हेल्पर की भूमिका में काम दिलाने का वादा करके रूस भेजा था। उसके भाई इमरान ने कहा कि अफसान को शुरुआती तीन महीनों तक 45,000 रुपये प्रतिमाह सैलरी का वादा किया गया था। इसके साथ ही कहा गया था कि तीन महीने बाद सैलरी डेढ़ लाख रुपये हो जाएगी।

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इमरान ने बताया कि अफसान से वादा किया गया था कि एक साल काम करने के बाद वह रूस के पासपोर्ट और वहां की नागरिकता के लिए भी आवदन कर सकेगा। उस समय उसे यह मौका बेहद आकर्षक लगा और स्कैमर्स के जाल में फंस गया। अफसान नौ नवंबर को मॉस्को के लिए रवाना हुआ था। एजेंट ने बताया था कि केवल मॉस्को में काम करना होगा। लेकिन इसकी जगह उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई और यूक्रेन में जंद के बीच पहुंचा दिया गया।

रूसी भाषा में हुआ एग्रीमेंट

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसारअफसान को जॉब का ऑफर देने वाले एजेंट का बाबा व्लॉग्स के नाम से एक यूट्यूब चैनल है। उसने अफसान से वादा किया था कि उसे फ्रंटलाइन में लड़ाई के लिए नहीं भेजा जाएगा। अफसान ने पहले बताया था कि 13 नवंबर को रूस जाने वाले सभी लोगों से एक साल के समझौते पर दस्तखत कराए गए थे, जो रूसी भाषा में था। एजेंट की बात पर भरोसा करते हुए अफसान समेत सभी लोगों ने इस पर साइन कर दिए थे।

एजेंट ने लिए थे 3 लाख रुपये

रिपोर्ट्स के अनुसार अफसान ने इस नौकरी के लिए एजेंट को तीन लाख रुपये दिए थे। लेकिन मॉस्को पहुंचने के बाद अफसान को यूक्रेन सीमा से 100 किलोमीटर दूर रोस्तोव-ऑन-डॉन भेज दिया गया था। बता दें कि मोहम्मद अफसान की मौत की खबर अब मिली है लेकिन यह अभी भी साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत असल में कब और कहां हुई थी। अफसान ने आखिरी बार अपने परिवार से 31 दिसंबर को वीडियो कॉल पर बात की थी।

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