whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Monkey Pox से भारतीयों को डरना चाहिए? जानें कौन-सा देश हॉटस्पॉट और वैक्सीनेशन कितना कारगर

Mpox Dangerous for India: मंकीपॉक्स के 2 मरीज भारत में मिल चुके हैं। हालांकि इसकी वैक्सीन आ गई है, लेकिन फिर भी इसे खतरनाक बताया जा रहा है। इसकी एक नहीं कई वजहें हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एडवाइजारी जारी करके देशवासियों को अलर्ट भी कर चुका है।
12:08 PM Sep 19, 2024 IST | Khushbu Goyal
monkey pox से भारतीयों को डरना चाहिए  जानें कौन सा देश हॉटस्पॉट और वैक्सीनेशन कितना कारगर
MPox Alert in India

Is Monkeypox Dangerous For India: मंकीपॉक्स (MPox) पूरी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) 14 अगस्त को इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुकी है। भारत समेत कई देशों में इसके मरीज मिल चुके हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। भारत में इस बीमारी के 2 केस मिल चुके हैं। दूसरा केस 17 सितंबर को केरल में मिला। UAE से लौटे 38 साल के व्यक्ति को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर क्वारंटीन किया गया।

Advertisement

प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि की और बताया कि उत्तरी मलप्पुरम जिले के मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इस मरीज ने जांच कराई थी, लेकिन उन्होंने मंकीपॉक्स के स्ट्रेन के बारे में नहीं बताया। इससे पहले 9 सितंबर को मंकीपॉक्स का पहला केस मिला था। विदेश से दिल्ली लौटे हरियाणा के हिसार जिले के एक व्यक्ति को 8 सितंबर को LNJP अस्पताल में क्वारंटीन किया गया। सैंपल टेस्टिंग में मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 की पुष्टि हुई। यह स्ट्रेन WHO की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल स्ट्रेन क्लेड1 नहीं है, लेकिन जिस तरह से महामारी पैर पसार रही है, क्या भारतीयों को इससे डरने की जरूरत है?

यह भी पढ़ें:वेपिंग, स्मोकिंग का नया ट्रेंड कितना खतरनाक? जानें 5 साइड इफेक्ट्स

Advertisement

डरना चाहिए क्योंकि पहले भी भारत में फैली थी बीमारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आते ही 9 सितंबर को एडवाइजरी जारी कर दी थी। ऐसे में भारतीयों को इस महामारी से डरना चाहिए, क्योंकि कोरोना की तरह यह भी ट्रैवलिंग से फैलता है। दूसरा, WHO इसे वैश्विक महामारी घोषित किया हुआ है तो इसे इग्नोर नहीं कर सकते। भारत में साल 2022 के बाद से अब तक मंकीपॉक्स के 30 मरीज मिले थे। पहला केस दिल्ली में आया था और मरीज नाइजीरिया का निवासी थी। साल 2022 में पूरी दुनिया के 116 देशों में मंकीपॉक्स फैला था। 99176 मरीज मिले थे। 208 की मौत हुई थी। साल 2024 में अब तक 15600 मरीज मिल चुके हैं और 537 की मौत हो चुकी है। मंकीपॉक्स के सैंपलों की जांच करने के लिए भारत में 32 लैब हैं।

यह भी पढ़ें:दिमाग पर सीधा अटैक करते हैं ये 5 जानलेवा वायरस! जानिए कौन सा सबसे खतरनाक

Advertisement

मंकीपॉक्स का हॉटस्पॉट देश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स का हॉटस्पॉट देश कांगो है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) से यह वायरस दुनिया में फैला।

मंकीपॉक्स वैक्सीनेशन कितना फायदेमंद

मंकीपॉक्स का पहला केस 1958 में डेनमार्क में मिला था। इंसानों में पहला केस 1970 में मिला था। अब इसका क्लैड-1b स्ट्रेन फैला है, जो 2 से ज्यादा खतरनाक है। पहला स्ट्रेन फैलने का कारण शारीरिक संबंध हैं। दूसरा स्ट्रेन ट्रैवलिंग से फैल रहा है। इसकी वैक्सीन बन चुकी है, लेकिन अभी तक केवल नाइजीरिया में यह पहुंची है, बाकी देशों में पहुंचने तक यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि वैक्सीनेशन कारगर है, लेकिन इसे जड़ से खत्म करने के प्रयास जारी हैं।

यह भी पढ़ें:50 साल की रिसर्च, वैज्ञानिकों ने नया ब्लड ग्रुप खोजा, जानें किन-किन के लिए फायदेमंद?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो