मानसून की एंट्री, जानें- कितने तरह के होते हैं मानसून? गर्मियों में यह कौन सा वाला?
How Many Types Of Monsoon : देश में मानसून ने एंट्री मार ली है। गुरुवार को केरल में झमाझम बारिश हुई। देश के बाकी हिस्सों में भी जल्दी ही बारिश शुरू हो जाएगी। इस समय यह दक्षिण-पश्चिम मानसून है जो अरब सागर से पैदा हुआ है। दरअसल, देश में कई तरह के मानसून अलग-अलग समय पर आते हैं। इनका असर भी अलग-अलग होता है।
देश में दो तरह के मानसून
देश में दो तरह के मानसून आते हैं। पहला दक्षिण-पश्चिम मानसून और दूसरा उत्तर-पूर्वी मानसून।
Heavy rainfall has struck several areas in the Kottayam district of Kerala. The India Meteorological Department (IMD) has confirmed that the Southwest Monsoon has officially arrived in Kerala as of today, May 30th. #ModiAgain #GoBackModi #ByeByeModi #AlleyesonRafah #BoycottBolly pic.twitter.com/owVziWg8MV
— Kiran Sharma (@KiransenKiran) May 30, 2024
1. दक्षिण-पश्चिम मानसून
- यह दक्षिण-पश्चिम दिशा से भारत में प्रवेश करता है इसलिए इसे दक्षिण-पश्चिम मानसून कहते हैं।
- यह मानसून गर्मियों में आता है और इसका समय मई से लेकर सितंबर होता है। इसे समर मानसून भी कहते हैं।
- इस मानसून में हवाएं समुद्र से जमीन की ओर चलती हैं।
- इस मानसून में देश के उत्तरी-पश्चिमी राज्यों में भारी बारिश होती है और हवा में नमी रहती है।
2. उत्तर-पूर्वी या पूर्वोत्तर मानसून
- यह मानसून देश के उत्तर-पूर्वी इलाके से प्रवेश करता है इसलिए इसे उत्तर-पूर्वी या पूर्वोत्तर मानसून कहते हैं।
- यह मानसून सर्दियों में आता है और इसका समय अक्टूबर से दिसंबर तक होता है। इसे विंटर मानसून भी कहते हैं। हवा शुष्क रहती है।
- इस मानसून में हवाएं जमीन से समुद्र की ओर चलती हैं।
- इस दौरान देश के दक्षिणी हिस्सों (खासतौर से समुद्र के किनारे वाले) में बारिश होती है।
The #monsoon has reached #Kerala and northeastern #India. It will continue to progress along the southwest coast, reaching south coastal #Karnataka ahead of time. However, its further progression towards #Goa & coastal #Maharashtra is expected to remain sluggish until ~5 June. pic.twitter.com/PS97ae8xEs
— Dr Akshay Deoras (@akshaydeoras) May 30, 2024
कैसे पता चलता है मानसून का?
मानसून देश में कब आएगा, इसके बारे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ऐलान करता है। दरअसल, जब देश के लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक राज्य में बारिश लगातार होने लगती है तब देश में मानसून आने की घोषणा की जाती है। इस दौरान 10 मई के बाद इन तीनों राज्यों में लगे वेदर स्टेशनों में जब दो दिनों तक 2.5mm से ज्यादा बारिश हो जाती है तब देश में मानूसन की एंट्री मानी जाती है।
आखिर केरल में ही क्यों होती है एंट्री
दक्षिण-पश्चिम मानसून अरब सागर से देश में आता है। इस दिशा से पहला राज्य केरल पड़ता है। जब यह देश में एंट्री करता है तो पहली मुलाकात केरल के पश्चिमी घाटों से होती है। मौसम विभाग अपनी गणना के अनुसार मानसून आने की घोषणा करता है और केरल में मानसून की पहली बारिश दर्ज की जाती है। इसके बाद यह देश के दूसरे राज्यों से होता हुआ बांग्लादेश और पाकिस्तान चला जाता है।
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