नौकरी के लिए घर से नहीं जाना पड़ेगा दूर, देश के 10 राज्यों में बनेंगी ये नई 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी

ये स्मार्ट सिटी 28602 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएंगी। इनसे देश के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

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Cabinet approves 12 industrial smart cities: अकसर लोग काम या नौकरी की तलाश में अपने घर या गांव से मीलों दूर जाते हैं। लेकिन सरकार के एक नए कदम से अगले कुछ सालों में इस पर कुछ हद तक कमी आने की उम्मीद है। दरअसल, बुधवार को मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहर बनाने को मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने मीडिया में ये जानकारी दी है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ये नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी तेलंगाना में जहीराबाद, उत्तराखंड के खुरपिया, यूपी में आगरा और प्रयागराज, पंजाब में राजपुर-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, बिहार में गया, राजस्थान में जोधपुर-पाली और मध्यप्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी में बनाई जाएगी जानकारी के अनुसार लगभग 28602 करोड़ रुपये की लागत से इन नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को तैयार किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे 10 लाख प्रत्यक्ष और करीब 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां मिलेंगी। इसके अलावा इससे इन देशों के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

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इंटरनेशनल मानकों पर तैयार होंगी ये स्मार्ट सिटी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये औद्योगिक क्षेत्र देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देंगे। उनका कहना था कि सरकार का यह नया कदम देश में औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा। उनका कहना था कि इससे इन राज्यों में आर्थिक विकास होगा और ये ग्लोबल प्रतिस्पर्धा को काफी बढ़ावा देंगी। उन्होंने कहा कि इन स्मार्ट सिटी को इंटरनेशनल मानकों के अनुसार ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा।

1.5 लाख करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों में यह 12 स्मार्ट सिटी राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम (एनआईडीसीपी) के तहत तैयार की जाएंगी। इसके तहत देश के 10 राज्यों में कुल 6 कॉरिडोर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की क्षमता है। बता दें इसके अलावा बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पूर्वोत्तर राज्यों को अगले आठ साल में कुल 15000 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजनाएं विकसित करने के लिए 4136 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता को भी मंजूरी दी है।

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