Modi Cabinet 3.0: कितने अहम होते हैं CCS मंत्रालय? TDP-JDU मांग रहे थे लेकिन BJP ने किया इनकार
Narendra Modi Oath Taking Ceremony LIVE News Updates In Hindi: टीडीपी और जेडीयू इस बार चुनाव में किंग मेकर की भूमिका में नजर आए हैं। दोनों ने अहम मंत्रालयों की डिमांड की थी। लेकिन बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह अहम विभाग खुद रखेगी। कुछ देर बाद पीएम मोदी लगातार तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं। दो बार पहले जब वे पीएम बने थे, तब उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ थी। लेकिन इस बार जादुई आंकड़े 272 से काफी दूर है। एनडीए सरकार में इस बार सहयोगी दलों की भूमिका अहम है। मंत्री बनाने से विभागों का बंटवारा होने तक सब कुछ तय कर ही नई सरकार शपथ लेगी। इस बार टीडीपी ने 16 और जेडीयू ने 12 सीटें जीती हैं। दोनों दलों की भूमिका सरकार बनाने में अहम मानी जा रही है।
Assam's @sarbanandsonwal & @KirenRijiju of Arunachal Pradesh are given ministerial responsibilities, while @PmargheritaBJP is appointed MOS in the Modi 3.0 Cabinet after today's meeting at Hon'ble PM @narendramodi ‘s residence before his oath-taking ceremony. pic.twitter.com/a9xFTx5tai
— Rishi Baruah (@rishi_baruah) June 9, 2024
टीडीपी-जेडीयू ने मांगे थे अहम विभाग
दोनों दलों ने पहले अहम विभागों की डिमांड बीजेपी से की थी। लेकिन बीजेपी ने साफ किया कि वह गठबंधन धर्म निभाएगी, लेकिन किसी प्रकार का दबाव सहन नहीं करेगी। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से जुड़े सभी चारों मंत्रालयों को सहयोगी दलों को नहीं दिया जाएगा। सीसीएस में गृह, रक्षा, विदेश और वित्त विभाग आते हैं। जो काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सरकार की मजबूती इन चारों मंत्रालयों पर कंट्रोल होने से मानी जाती है। ये मंत्रालय ही सीसीएस का गठन करते हैं, जो हर अहम मामले में निर्णय लेते हैं। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति) को देश की सबसे अहम संस्था माना जाता है। पीएम इस कमेटी के चेयरमैन होते हैं। गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री इसके मेंबर होते हैं। यह कमेटी ही देश की सुरक्षा से लेकर कानून और आंतरिक सुरक्षा जैसे बड़े मामलों में फैसला लेती है। इसका निर्णय अंतिम माना जाता है।
यह भी पढ़ें:‘ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं…’ शपथ ग्रहण से पहले अखिलेश यादव ने NDA पर कसा तंज
वह ऐसे सभी मामलों से निपटती है, जिससे देश को बाहरी या आंतरिक खतरा होता है। यह कमेटी ही राजनीतिक, आर्थिक और परमाणु ऊर्जा जैसे मामलों में अहम फैसले लेती है। देश की सुरक्षा, अखंडता, नीतिगत निर्णय सबकी जिम्मेदारी सीसीएस के पास होती है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों, संस्थाओं आदि के संबंध में निर्णय सीसीएस के जिम्मे होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन बनेगा, यह सब यही कमेटी तय करती है। रक्षा उत्पादन विभाग (Department of Defense Production) का पूरा जिम्मा सीसीएस संभालती है।
यह भी पढ़ें:शपथ ग्रहण से पहले NCP में शुरू हुई रार, मंत्री बनने को लेकर अजित गुट में मचा घमासान
वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DRDO) को 1000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की अनुमति यही कमेटी देती है। हाल ही में नेवी के लिए 200 ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए 19 हजार करोड़ की डील हुई है। 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट को भी इस साल इस कमेटी ने मंजूरी दी है। जानकारी मिली थी कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू चारों में से एक विभाग चाह रहे थे। लेकिन बीजेपी ने इनकार कर दिया। सामने आया है कि सड़क एवं परिवहन, रेल मंत्रालय और लोकसभा स्पीकर का पद भी बीजेपी अपने ही पास रखेगी।