धरती पर मंडराई ‘आफत’ टली! 32000KM की स्पीड से आए थे 2 Asteroid, पढ़ें नासा का ताजा अपडेट
NASA Update on Asteroid Earth Collision: धरती पर एक ओर जहां भूकंप से तबाही मचने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं अंतरिक्ष की दुनिया में एस्ट्रॉयड धरती के लिए आफत बने हुए हैं। आए दिन कोई न कोई एस्ट्रॉयड धरती के आस-पास मंडराता रहता है। आज फिर 2 विशालकाय चट्टानें धरती के चारों ओर मंडरा रही थीं, जिन पर अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा अपनी कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्शन लैब (JPL) से नजर रख रही थी।
आज अलसुबह यह दोनों एस्ट्रॉयड धरती के काफी करीब से गुजरे। इन एस्ट्रॉयड के नाम 2024 YW9 और 2024 PT5 थे, जिन्हें लेकर नासा ने अलर्ट भी जारी किए थे और अब जब यह धरती को क्रॉस करके आगे निकल चुके हैं तो अब इनके धरती के लिए खतरा बनने के पूर्वानुमान पर विराम लग गया है, क्योंकि धरती अब सुरक्षित है, दोनों एस्ट्रॉयड की दिशा बदल गई थी और वे धरती के पास से आराम से निकल गए।
यह भी पढ़ें:Nepal-Tibet Earthquake की इनसाइड स्टोरी; नेपाल-तिब्बत में क्यों आया भूकंप? 128 की मौत
एस्ट्रॉयड का साइज और स्पीड कितनी?
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रॉयड 2024 YW9 का व्यास करीब 60 फीट था और इसका साइज एक घर जितना था। यह 28165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था। 9 जनवरी 2025 की सुबह करीब 4 बजकर 10 मिनट पर यह धरती के पास से गुजरा। धरती से इसकी दूरी 1040000 किलोमीटर थी। वैसे तो यह काफी दूर था, लेकिन अगर दिशा बदलती तो एस्ट्रॉयड धरती से टकराकर तबाही मचा सकता था।
दूसरे एस्ट्रॉयड 2024 PT5 की बात करें तो इसका व्यास सिर्फ 36 फीट था। यह एक बस के साइज का था और 3691 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के आस-पास मंडरा रहा था। यह धरती से 1800000 किलोमीटर (1.1 मिलियन दूर) था और यह धरती के पास से सुबह करीब 7:41 बजे गुजरा।
यह भी पढ़ें:हंगरी में मिली महिला योद्धा की कब्र! हथियारों के साथ किया गया था दफन
दोनों एस्ट्रॉयड से धरती को खतरा नहीं था
रिपोर्ट के अनुसार, साइज, स्पीड और दूरी के कारण दोनों एस्ट्रॉयड धरती के लिए खतरा नहीं थे। नासा का मानना है कि 150 मीटर व्यास से बड़े एस्ट्रॉयड धरती के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इससे कम व्यास वाले एस्ट्रॉयड तब तक धरती के लिए खतरा नहीं, जब तक सौर तूफान इनकी दिशा न बदलें।
नासा नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए दूरबीनों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल करता है। कैटालिना स्काई सर्वे और NEOWISE जैसी वेधशालाएं इन चीजों की पहचान करती है और इनसे होने वाले खतरे से दुनिया को अलर्ट करती है।
यह भी पढ़ें:पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड में बदलाव: क्या नॉर्थ पोल की शिफ्टिंग का GPS पर होगा असर?