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भीषण भूकंप-तूफान ने रास्ता बदला; 52117 मील की रफ्तार से आया था Asteroid, नासा का ताजा अपडेट

Asteroid Earth Collision: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एस्ट्रॉयड को लेकर रेड अलर्ट दिया था। उसी एस्ट्रॉयड को लेकर अब ताजा अपडेट सामने आया है। इस अपडेट में बताया गया है कि एस्ट्रॉयड धरती से टकराया या नहीं और जब यह धरती के पास आया तो क्या हुआ?
10:27 AM Nov 19, 2024 IST | Khushbu Goyal
धरती की ओर लगातार एस्ट्रॉयड बढ़ रहे हैं।
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NASA Update on Asteroid Collision With Earth: भगवान का शुक्र है कि धरती पर मंडरा रही आफत टल रही। भीषण तूफान और भूकंप आने की चेतावनी थी। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने धरती पर जलजला आने के आसार जताए थे, लेकिन मौत ने अपना रास्ता बदल लिया। नासा ने उस एस्ट्रॉयड को लेकर ताजा अपडेट दिया है, जो बीती रात धरती से टकराने वाला था। यह एस्ट्रॉयड धरती के पास से गुजरा, लेकिन इसने अपना रास्ता बदल लिया। इसका टकराव धरती से नहीं हुआ। यह एस्ट्रॉयड 52117 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से धरती की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन यह धरती को क्रॉस करके आगे निकल गया। इस दौरान न कोई सौर तूफान आया और न ही किसी तरह की हलचल हुई कि एस्ट्रॉयड का रास्ता बदल पाता। वैज्ञानिकों ने इस एस्ट्रॉयड पर निगरानी रखी और धरती के पास से गुजरने के दौरान हुई हलचलों को ट्रैक किया।

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850 फीट बड़ा एस्ट्रॉयड वैज्ञानिकों ने किया ट्रैक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर की रात धरती के पास से गुजरे एस्ट्रॉयड का नाम 2023 WK3 था। इसे लेकर नासा ने रेड अलर्ट जारी किया था। इस एस्ट्रॉयड का 850 फीट था और यह धरती से करीब 6.16 मिलियन किलोमीटर दूर था। कैलिफोर्निया की जेट प्रपल्शन लैब (JPL) के रडार और ऑप्टिकल दूरबीनों ने इस एस्ट्रॉयड को ट्रैक किया था और इसके धरती से टकराने का अलर्ट दिया था, लेकिन नासा ने इस एस्ट्रॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं होने की संभावना जातई थी। नासा की ओर से कहा गया था कि बेशक यह धरती से 6.16 मिलियन किलोमीटर दूर था, लेकिन यह धरती के लिए सुरक्षित था, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के एस्ट्रॉयड भविष्य में धरती पर खतरा बनकर मंडरा सकते हैं। बेशक एस्ट्रॉयड धरती के लिए खतरा बन जाते हैं, लेकिन इनकी ट्रैकिंग करने से अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को रिसर्च के लिए जरूरी डेटा मिलता है।

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क्या एस्ट्रॉयड वाकई खतरनाक हो सकते हैं?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रॉयड चट्टानों का ग्रुप होते हैं, जिन्हें नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) कहा जाता है। यह एस्ट्रॉयड सूरज की परिक्रमा करते रहते हैं। 4.6 बिलियन साल पहले जब सौरमंडल बना था तो एस्ट्रॉयड बृहस्पति ग्रह के आस-पास मंडराने लगे। बृहस्पति ग्रह की ग्रैविटी में रहने के कारण यह एस्ट्रॉयड ग्रह नहीं बन पाए, लेकिन सूर्य की ग्रैविटी से निकलकर यह एस्ट्रॉयड धरती की और बढ़ने लगे हैं। इनकी स्पीड इतनी तेज और आकार इतना बड़ा होता है कि अगर यह धरती से टकरा जाएं तो धरती पर जलजला आने का खतरा पैदा हो जाता है। आज से 6 करोड़ साल पहले एक एस्ट्रॉयड धरती से टकराया था तो धरती से डायनासोर विलुप्त हो गए थे। अब साल 2029 में ऐसे ही एक एस्ट्रॉयड के धरती से टकराने के आसार बने हुए हैं। इस एस्ट्रॉयड को लेकर नासा लगातार अपडेट दे रहा है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो भी लगातार इसे ट्रैक कर रही है।

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