अन्ना सेबेस्टियन की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त, उठाया ये बड़ा कदम
Anna Sebastian Death: अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल के वर्कप्लेस पर कथित तौर पर ज्यादा काम और तनाव के चलते मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने शनिवार को अर्न्स्ट एंड यंग की कर्मचारी अन्ना की मौत पर स्वत: संज्ञान लिया है।
I spoke with the heartbroken parents of Anna Sebastian, a bright and ambitious young professional whose life was tragically cut short by toxic and unforgiving work conditions.
In the face of unimaginable grief, Anna's mother has shown remarkable courage and selflessness, turning… pic.twitter.com/XY9PXbYAIK
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 21, 2024
युवाओं में वर्क लाइफ के चलते मानसिक तनाव
शनिवार को एक बयान में मानवाधिकार आयोग ने कहा कि अगर ये रिपोर्ट सही है अन्ना की अधिक काम के चलते मौत हुई है तो ये यंगस्टर्स के सामने आने वाली चुनौतियों का एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि आजकल का युवा अपने वर्क लाइफ के चलते मानसिक तनाव, चिंता और नींद की कमी से पीड़ित हैं।
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नौकरी में अव्यवहारिक लक्ष्य दिए जा रहे
आयोग ने इस बार पर भी जोर दिया कि युवा नौकरी में अव्यवहारिक लक्ष्यों और समय सीमाओं का पीछा करते हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आयोग ने कहा कि ये युवाओं के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
आयोग ने बताई किसकी है जिम्मेदारी?
अयोग ने कहा कि कंपनी, मालिक समेत हर नियोक्ता का यह पहला कर्तव्य है कि वह अपने कर्मचारियों को काम का सुरक्षित, संरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करे। मालिक को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी कंपनी या उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों के साथ सम्मान और निष्पक्षता से व्यवहार किया जा रहा हो। बता दें इससे पहले केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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