खुलासा: Neeraj Chopra को सर्जरी की जरूरत क्यों? 6 साल से किस दर्द से जूझ रहे ओलंपियन
Neeraj Chopra Surgery: देश के स्टार एथलिटिक्स नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए। नीरज को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। मगर क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं। नीरज पिछले कई सालों से भयानक दर्द से जूझ रहे हैं। देश की खातिर नीरज ने अपना दर्द सबसे छिपा कर रखा और पेरिस ओलंपिस में गोल्ड जीतने के लिए उन्होंने अपना सबकुछ झोंक दिया। वहीं अब नीरज के साथ-साथ उनकी मां ने भी बेटे की इंजरी का खुलासा किया है।
गोल्ड से क्यों चूके नीरज?
दरअसल नीरज बहुत लंबे समय तक खड़े नहीं रह सकते हैं। नीरज के पैरों में कुछ समस्या है। इसका खुलासा खुद नीरज चोपड़ा ने किया है। नीरज का कहना है कि बहुत देर तक खड़े रहने से उनके पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। नीरज की यही कमजोरी पेरिस ओलंपिक में उन पर भारी पड़ गई और गोल्ड मेडल पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम की झोली में चला गया। ओलंपिक खत्म होने के बाद नीरज जल्द ही डॉक्टर से सलाह लेगें। इस दर्द से निजात पाने के लिए शायद नीरज को सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है। नीरज ने कहा कि वो अपनी टीम से बात करके फैसला लेंगे।
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नीरज ने बयां किया दर्द
नीरज का कहना है कि मेरा शरीर जवाब दे रहा था। इसके बावजूद मैंने हार नहीं मानी और जीत हासिल करने के लिए सबकुछ लगा दिया। थ्रो अच्छा था लेकिन मेरे अंदर इससे भी बेहतर करने की ताकत थी। मैंने इसके लिए खुद को तैयार किया था। सचमुच इससे पहले मैंने 90 मीटर का थ्रो कभी नहीं फेंका लेकिन मुझे फिर भी लग रहा था कि मैं ये कर सकता हूं। मैंने अपने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। मेरे लिए वो भी मायने रखता है।
नीरज की होगी सर्जरी
नीरज चोपड़ा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से उनकी समस्या बढ़ती जा रही है। इसलिए मैंने 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हिस्सा नहीं लिया। मैंने इस चोट के साथ 2022 में 89.94 मीटर तक भाला फेंका था। मैं हमेशा चोट से ज्यादा टेकनीक पर भरोसा करता हूं। मगर अब इसका दर्द बर्दाश्त से बाहर होता जा रहा है। मैं खींच रहा हूं अभी तक। थोड़ा-बहुत इलाज भी करवाया है लेकिन शायद अब कुछ बड़ा करने का समय आ गया है।
मां ने भी तोड़ी चुप्पी
नीरज चोपड़ा के अनुसार मेडल एक अलग चीज है लेकिन जो दूरी है मेरे अंदर, 2018 के एशियन गेम्स में मैंने 88 मीटर तक भाला फेंका था। मुझे लगता था मैं इससे बेहतर कर सकता हूं, काफी कुछ है मेरे अंदर। एक दिन बिल्कुल करेंगे। बता दें कि नीरज की मां ने बेटे के इस दर्द का खुलासा किया है। नीरज की मां का कहना है कि उन्होंने देश की शान की खातिर अपनी इंजरी का सच सभी से छिपाया। दर्द और इंजरी के बावजूद नीरज डटे रहे। इसलिए ये सिल्वर उनके लिए गोल्ड के बराबर है।
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