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यमन में फांसी से बचने को भारतीय नर्स के पास क्या विकल्प? क्या बच पाएगी जान?

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिल चुकी है। इस मामले में एक स्थानीय नर्स अब्दुल हनान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
12:39 PM Jan 01, 2025 IST | Rakesh Choudhary
यमन में फांसी से बचने को भारतीय नर्स के पास क्या विकल्प  क्या बच पाएगी जान
Kerala Nurse Nimisha Priya

Kerala Nurse Death Sentence: खाड़ी देश यमन में फांसी की सजा पा चुकी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। इस बीच विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह निमिषा प्रिया के परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव कानूनी मदद भी मुहैया कराने को तैयार है। यमन के राष्ट्रपति रशद अल अलीमी की ओर से निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद से ही नर्स का पूरा परिवार सदमे में है। ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या भारत सरकार निमिषा प्रिया की सजा माफ करवा पाएगी?

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केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोड की रहने वाली निमिषा को कथिर तौर पर यमन में नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई। निमिषा को साल 2017 में यमन में स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में अरेस्ट किया गया है। इसके बाद निचली अदालत ने निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई थी। यमन के सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में इस सजा को बरकरार रखा था। अब यमन के राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी है।

निमिषा के पास ये विकल्प

यमन में शरिया कानून लागू है। ऐसे में उसके पास ब्लड मनी का विकल्प है। शरिया कानून के अनुसार अपराध का शिकार हुए व्यक्ति का परिवार पैसे लेकर अपराधी को माफ करने का विकल्प चुन सकता है। यदि मृत व्यक्ति का परिवार ब्लड मनी को स्वीकार कर लेता है तो निमिषा को माफी मिल जाएगी। इसके बाद ही उसे रिहाई मिल सकती है।

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ब्लड मनी के तौर पर देने होंगे 4 लाख डाॅलर

नवंबर 2023 में निमिषा प्रिया की ओर से बातचीत शुरू करने के लिए 40 हजार डाॅलर का भुगतान किया गया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो फांसी की सजा से माफी के लिए उसके परिवार को संभवतः 4 लाख डाॅलर और देने होंगे। 2020 में सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल का गठन किया गया था। वे वर्तमान में रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक धन जुटा रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में प्रिया की मां की पैरवी कर चुके वकील सुभाष चंद्रन ने कहा मामले में भारत सरकार के हस्तक्षेप से मौत की सजा को टाला जा सकता है।

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वकील ने बताया कि महादी के परिवार से बातचीत करने, ब्लड के बदले में प्रिया को माफ करने के लिए राजी करना और रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ वक्त की आवश्यकता होगी। इसमें भारत सरकार भी मदद कर सकती है।

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महादी के साथ निमिषा ने खोला था क्लिनिक

निमिषा 2008 में यमन गई थी। उसने 2011 में केरल के टाॅमी थाॅमस से शादी कर ली। वह खुद का क्लिनिक खोलना चाहती थी, लेकिन यमन के कानून के अनुसार इसके लिए स्थानीय भागीदार की जरूरत थी। इस दौरान निमिषा तलाल महादी के संपर्क में आई। ऐसे में निमिषा ने महादी से मदद मांगी। इसके बाद महादी ने क्लिनिक खोलने में निमिषा की मदद की। 2014 में गृहयुद्ध के बीच निमिषा किसी तरह यमन पहुंची। इसके बाद तलाल ने क्लिनिक की कमाई का हिस्सा बांटने से इंकार कर दिया। उसने निमिषा को पत्नी के तौर पर पेश करने के लिए जाली दस्तावेज भी बनाए।

ऐसे हुई तलाल महादी की मौत

रिपोर्ट के अनुसाद महादी पहले से शादीशुदा था। वह निमिषा को दूसरी पत्नी बताता था। 2016 में निमिषा ने महादी की पुलिस में शिकायत कर दी। इसके बाद पुलिस उसे पकड़कर ले गई। कुछ समय बाद जब वह जेल से छूटकर आया तो उसने निमिषा का पासपोर्ट छीन लिया। निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया। ओवरडोज के कारण महादी की मौत हो गई। मामले में अब्दुल हनान नामक नर्स को भी आजीवन कारावास की सजा हुई। वहीं निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई।

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