NRI कोटा एक फ्रॉड है... पंजाब में AAP सरकार को लगा झटका! SC ने खारिज की याचिका
NRI Quota in NEET Punjab Government: (प्रभाकर मिश्रा) नीट पेपर लीक के बाद अब पंजाब में इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब सरकार और हाईकोर्ट NRI कोटा को लेकर आमने-सामने हैं। पंजाब सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटा देने का नोटिस जारी किया। मगर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। पंजाब सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन यहां से भी सरकार को निराशा हाथ लगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
NRI कोटा पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे फ्रॉड करार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि NRI कोटे का व्यवसाय बंद होना चाहिए। यह एजुकेशन सिस्टम के साथ धोखाधड़ी है। इसे खत्म होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोटे का सिस्टम बहुत घातक है। जिन बच्चों के नंबर तीन गुना अधिक हैं, वो एडमिशन से चूक जाते हैं लेकिन जिनके नंबर कम हैं, उन्हें आसानी से एडमिशन मिल जाता है।
यह भी पढ़ें- फ्लाइट में आग लग गई… नशे में धुत महिला ने मचाया शोर, पायलट ने की इमरजेंसी लैंडिंग
जल्द जारी होगी गाइडलाइन- SC
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर विचार करने की अपील की है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि वो जल्द ही इस संबंध में गाइडलाइन जारी करेंगे। तब तक के लिए यह फ्रॉड बंद होना चाहिए। हम इस याचिका को फौरन खारिज कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पंजाब सरकार मेडिकल कॉलेज में NRI कोटा नहीं दे सकेगी।
"This Fraud Must Come To End" : Supreme Court Dismisses Challenge To P&H HC Order Quashing Notification Broadening The Definition of NRI Quota for Medical Admissions
CJI: This Fraud must come to an end...we have to put an end to the fraud, the HC order is absolutely… pic.twitter.com/ec12tNhqeY
— Live Law (@LiveLawIndia) September 24, 2024
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है। 20 अगस्त को नोटिस जारी करते हुए सरकार ने नीट के एडमिशन में NRI कोटा देने का ऐलान किया था। पंजाब सरकार ने NRI को 15 प्रतिशत तक आरक्षण देने की घोषणा की थी। मगर 10 सितंबर को इस मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस कोटे को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को सही बताते हुए याचिका खारिज कर दी।
यह भी पढ़ें- Marital Rape क्या? ‘सुप्रीम’ फैसले से पहले 5 पॉइंट्स में समझें मामला