One Nation One Election पर JPC के लिए प्रियंका गांधी के नाम की चर्चा! ये नेता भी हो सकते हैं शामिल
JPC On One Nation One Election Bill : वन नेशन एक इलेक्शन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की प्रक्रिया चल रही है। जेपीसी के लिए राजनीतिक पार्टियों से संभावित सदस्यों के नाम मांगे जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी जेपीसी में शामिल हो सकती हैं। देखें जेसीपी के संभावित सदस्यों की लिस्ट।
मोदी सरकार ने लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश किया था, जिसे लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और इस बिल पर आपत्ति जताई। इसके बाद सरकार ने व्यापार विचार-विमर्श के लिए इस बिल को जेपीसी के पास भेज दिया है। जेपीसी का कौन सदस्य होगा? इसे लेकर संभावित नाम सामने आए हैं।
यह भी पढ़ें : संसद में Rahul-Priyanka की अगुवाई में ‘INDIA’ का प्रदर्शन, ‘माफी मांगो’ के लगे नारे
जेपीसी में ये नेता हो सकते हैं शामिल?
सूत्रों के अनुसार, वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के जेपीसी में शामिल होने की संभावना है। उनके साथ मनीष तिवारी, सुखदेव भगत और रणदीप सुरजेवाला भी जेपीसी में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। वहीं, सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सांसद कल्याण बनर्जी का नाम समिति के सामने प्रस्तावित किया है।
प्रियंका गांधी ने इस बिल का किया विरोध
प्रियंका गांधी वाड्रा ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संविधान विरोधी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह देश की संघवाद के खिलाफ है। वह इस विधेयक का विरोध करती हैं। केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद लोकसभा में मंगलवार को एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था वाले दो विधेयक पेश किए गए थे।
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर सदन में हुआ था हंगामा
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में एक राष्ट्र एक चुनाव बिल पेश करते हुए स्पष्ट किया कि यह कानून राज्यों की शक्तियों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। सदन में हंगामे के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि मोदी कैबिनेट की ओर से इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा।
यह भी पढ़ें : ‘वंडरफुल स्पीच’, संसद में प्रियंका गांधी के पहले संबोधन पर क्या बोले राहुल गांधी?
जानें किन पार्टियों ने जताई थी आपत्ति
लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर वोटिंग कराई गई। इस विधेयक के पक्ष में 263 वोट पड़े, जबकि विरोध में 198 सांसदों ने मतदान किया। कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी (SP), शिवसेना (UBT) और एआईएमआईएम ने विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।