One Nation One Election: देश में एक साथ होंगे चुनाव? राष्ट्रपति को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने क्या कहा?
One Nation One Election: 'एक देश, एक चुनाव' यानी वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है। यह रिपोर्ट 18626 पेज की है। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। कमेटी का गठन एक सितंबर 2023 को हुआ था। करीब 191 दिनों की रिसर्च के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है।
संविधान में संशोधन की सिफारिश
रामनाथ कोविंद कमेटी ने स्थानीय निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने के लिए एकल यानी साझा मतदाता सूची बनाने का सुझाव दिया है, क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग वोटर लिस्ट तैयार की जाती है। इसके साथ ही समिति ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की है।
The High-Level Committee on simultaneous elections, chaired by Ram Nath Kovind, Former President of India, met President Murmu at Rashtrapati Bhavan and submitted its report. Union Home Minister Amit Shah was also present. pic.twitter.com/zd6e5TMKng
— ANI (@ANI) March 14, 2024
वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान के किन अनुच्छेदों में संशोधन करना होगा?
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए राष्ट्रपति से संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है। इन पांच अनुच्छेदों में संसद के सदनों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 83, लोक सभा के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 85, राज्य विधानमंडलों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 172, राज्य विधानमंडलों के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 174 और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित अनुच्छेद 356 शामिल हैं।
पहले चरण में हो सकते हैं लोकसभा और विधानसभा के चुनाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। इसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव को एक साथ कराने को लेकर ज्यादातर राजनीतिक दल सहमत हैं।
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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन की सिफारिश
समिति ने एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए सरकार गिरने की स्थितियों पर एकसाथ चुनाव कराने की व्यवस्था कायम रखने की अहम सिफारिशें की है। इसके साथ ही, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रासंगिक प्रावधानों में संशोधन करने की भी सिफारिश की गई है। समिति का मानना है कि उसकी सभी सिफारिशें सार्वजनिक डोमेन में होनी चाहिए, लेकिन इसको लेकर फैसला सरकार ही करे।
47 दलों में से 32 ने वन नेशन वन इलेक्शन का किया समर्थन
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया है, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया है। समर्थन करने वाले दलों में बीजेपी, एनपीपी, एआईडीएमके और अपना दल (सोनेलाल) जैसी पार्टियां शामिल हैं। वहीं, विरोध करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा, टीएमसी और बीएसपी जैसे दल हैं।
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