आरोपी अगर मुसलमान होते और पास कांग्रेस एमपी ने दिया होता तो... सांसदों के निलंबन पर गरमाया विपक्ष
Opposition Members Suspension : गुरुवार को लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक सांसद को निलंबित करने के मामले में विपक्षी दल बेहद गुस्से में दिख रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपनी कमियां छिपाने के लिए ऐसे कदम उठा रही है। पहले निलंबित किए जाने वाले लोकसभा सांसदों की संख्या 14 थी लेकिन डीएमके सांसद एसआर पार्थिबन सदन में थे ही नहीं। बाद में गलती समझ आने पर उनका निलंबन वापस ले लिया गया।
विपक्षी सांसद बुधवार को लोकसभा की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदन में आकर बयान देने की और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि अगर गिरफ्तार किए गए आरोपी मुसलमान होते और उन्हें पास किसी कांग्रेस सांसद ने दिया होता तो आप भाजपा का रुख देखते। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को डराना चाहती है और अपनी नाकामियां छिपाने के लिए निलंबित कर रही है। अगर सासद गृह मंत्री से बयान की मांग कर रहे थे तो इसमें गलत क्या है?
निलंबित की गई डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि भाजपा के जिस सांसद ने आरोपियों को सदन में प्रवेश करने के लिए पास दिया था उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। महुआ मोइत्रा के मामले में बिना जांच पूरी किए उन्हें निष्कासित कर दिया गया था और इस सांसद को निलंबित तक नहीं किया गया। इसे लेकर हमने विरोध जताया तो विपक्षी सांसद ही निलंबित कर दिए गए। यह लोकतंत्र कैसे है?
न पीएम कुछ बोल रहे न ही गृह मंत्री: कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि जो कल हुआ वह सुरक्षा और इंटेलिजेंस की गंभीर असफलता है। हम चाहते हैं कि सरकार सदन में आकर बताए कि कल क्या हुआ था और इसे लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन न तो प्रधानमंत्री और न ही गृह मंत्री कुछ कह रहे हैं। हम इसी बात की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन हमारी आवाज दबाने के लिए 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
संसद सुरक्षित नहीं तो देश कैसे होगा: अब्दुल खलीक
कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक ने कहा कि जिसे सस्पेंड किया जाना चाहिए था उसे नहीं किया गया। आरोपियों को सदन में आने के लिए पास भाजपा के एक सांसद ने दिया था। सरकार इस तरह निलंबित करके विपक्ष की आवाज को कभी दबा नहीं पाएगी। आज की सरकार पूरी तरह से नाकाम है। गृह मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। अगर संसद ही सुरक्षित नहीं है तो फिर देश कैसे होगा।
‘पास जारी करने वाला सासंद को गिरफ्तार किया जाए’
डीएमके सांसद टीआर बालू ने निलंबन की कार्रवाई को लेकर कहा कि इन सांसदों ने कुछ भी गलत नहीं किया था। उन्होंने अपनी मांग व्यक्त करते समय संसद के नियमों के अनुसार व्यवहार किया था और इस दौरान न ही उन्होंने किसी असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया था। इन सासंदों को निलंबित किया जाना पूरी तरह से गलत है। असल में पास जारी करने वाले भाजपा सांसद को गिरफ्तार करना चाहिए था।
विरोध करो तो चुप करा देती है सरकार: कपिल सिब्बल
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि गृह मंत्री को पहले ही सदन में आना चाहिए था। जिस तरह का कल्चर तैयार किया जा रहा है वह हैरान करने वाला है। अगर आप किसी बात का विरोध करते हैं तो आपको चुप करा दिया जाता है। ऐसे में संसद का सदस्य होने का और चर्चा में हमारे शामिल होने का क्या मतलब रह जाता है। सदन में हर मुद्दे पर स्वस्थ विचार-विमर्श होना चाहिए। पहले ऐसा ही हुआ करता था।
संसद का सदन भाजपा का पार्टी कार्यालय नहीं: चौधरी
कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गृह मंत्री को सदन में आकर बयान देना चाहिए। अगर हमें कुछ सवाल पूछने का मौका दिया जाएगा तो हम सवाल पूछेंगे। हम सदन में भागीदारी करते हैं और अपने विचार रखते हैं। हमने एक भी दिन के लिए सदन की कार्यवाही में बाधा नहीं पहुंचाई। सदन भाजपा का पार्टी कार्यालय नहीं है। क्या हमारे पास मांग करने का अधिकार नहीं है लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाता।
‘निलंबन बताता है कि सरकार की मानसिकता कैसी है’
लोकसभा से निलंबित किए गए सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि हमारी मांग बस इतनी थी कि गृह मत्री संसद में आएं और कल हुए सिक्योरिटी ब्रीच पर बयान दें। इसके लिए सांसदों को निलंबित कर दिया गया। यह बताता है कि इस सरकार की मानसिकता कैसी है। इस सरकार की मानसिकता हिटलर जैसी होती जा रही है जो न तो विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार था और न ही सवालों का जवाब देने के लिए।