अंगदान से बची 4 लोगों की जिंदगी, उत्तर भारत में पहली बार ट्रांसप्लांट किए गए दोनों हाथ
First Bilateral Hand Transplant In North India : दूसरों की निस्वार्थ मदद की नजीर पेश करते हुए मीना मेहता के मरणोपरांत अंगदान ने कई और लोगों को जीवन का उपहार दिया है। उनकी एक किडनी गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल भेजी गई है। वहीं, दोनों हाथ, लिवर और कॉर्निया सर गंगाराम अस्पताल भेजे गए हैं।
गंगाराम अस्पताल ने उत्तर भारत का पहला बाइलेटरल हैंड ट्रांसप्लांट भी किया। इसके जरिए मीना मेहता के बाथ दिल्ली के रहने वाले एक शख्स को लगाए गए हैं। 45 साल के इस शख्स ने अक्टूबर 2020 में एक रेलवे ट्रैक पार करते समय हुए हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे।
12 घंटे से ज्यादा समय तक चला ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार हाथ ट्रांसप्लांट करने के लिए ऑपरेशन 12 घंटे से अधिक समय तक चला था। इसके अलावा जिसे किडनी मिली है वह महिला एक टेक प्रोफेशनल है और 11 साल से हीमोडायलिसिस पर थी। डॉक्टरों के अनुसार अब उसकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।
अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उत्तर भारत में हमने पहली बार बाइलेटरल हैंड ट्रांसप्लांट सफल रूप से किया है। इस सर्जरी की प्रक्रिया बेहद जटिल और असाधारण थी। दोनों हाथों को ट्रांसप्लांट करने के लिए पेशेनर सर्जन्स की टीम ने अद्भुत मेहनत की जिसका परिणाम सफलता के रूप में देखने को मिला है।
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