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42 साल के पिता को 17 वर्षीय बेटी डोनेट करेगी लिवर, सरकार के बाद हाईकोर्ट से मिली परमिशन

Organ Donation Permission to Girl: अंगदान महादान है, जिससे कई लोगों को नई जिंदगी दी जा सकती है। एक बेटी ऐसा ही महादान करने जा रही है। इसके लिए उसे सरकार और हाईकोर्ट से परमिशन भी मिल गई है। वह अपने पिता की जान बचाएगी।
12:44 PM Jun 27, 2024 IST | Khushbu Goyal
42 साल के पिता को 17 वर्षीय बेटी डोनेट करेगी लिवर  सरकार के बाद हाईकोर्ट से मिली परमिशन
लड़की ने अंगदान की परमिशन मिलने पर खुशी जताई।

Minor Girl Organ Donation Story: मां-बाप बच्चों को जिंदगी देते हैं। उन्हें रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन आज हम आपको उस बच्ची की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो अपने पिता को नई जिंदगी देगी। जी हां, देश की एक बेटी मिसाल कायम करने जा रही है। उसने अपने पिता को लिवर डोनेट करने का फैसला लिया है।

हालांकि इसके लिए उसे परमिशन लेनी पड़ी, लेकिन पिता की जान बचाने के लिए बेटी के जज्बे को देख सरकार और हाईकोर्ट दोनों को उसे परमिशन देनी पड़ी। अब जल्दी ही सर्जरी होगी और बेटी पिता को लिवर डोनेट करके उनकी जान बचाएगी। इस मामले की चर्चा पूरे देश में हो रही है, आइए जानते हैं पूरी कहानी...

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सरकार के बाद हाईकोर्ट ने भी मंजूर की याचिका

बता दें कि मामला मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करने के बाद आज अंगदान करने की परमिशन दे दी। इससे पहले सरकार ने अंगदान की परमिशन दी थी। गत 13 जून को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसका फैसला आज आया। सरकार और हाईकोर्ट से परमिशन लेनी पड़ी, क्योंकि डॉक्टर ने सर्जरी करने से इनकार कर दिया था।

डॉक्टर ने इनकार करने की वजह लड़की की उम्र को बताया था। लड़की नाबालिग है। उसे 18 साल की होने में 2 महीने बाकी है, जबकि कानून के अनुसार, 18 साल से कम उम्र का जीवित व्यक्ति अंगदान नहीं कर सकता है। इसलिए लड़की को परमिशन लेनी पड़ी। इसके लिए उसने पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की। दूसरी ओर, अंगदान करने की परमिशन के लिए सरकार को आवेदन दिया।

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जज ने विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर सुनाया फैसला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर निवासी 42 वर्षीय शिवनारायण बाथम का लिवर फेल है। उनकी जान को खतरा बना हुआ है। डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया, लेकिन कोई लिवर डोनेट करने को तैयार नहीं हुआ। पिता की जान खतरे में देख उनकी 17 साल की नाबालिग बेटी प्रीति ने इच्छा जताई कि वह अपने पिता को लिवर डोनेट करना चाहती है।

इसके बारे में उसने अपने पिता के डॉक्टर को बताया, लेकिन उन्होंने उम्र की बात करते हुए ट्रांसप्लांट करने से इनकार कर दिया। प्रीति ने एक वकील नीलेश महोरे के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका पर जज विशाल मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की और लिवर ट्रांसप्लांट की परमिशन दे दी, लेकिन फैसला देने से पहले जज ने मामले पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट मांगी।

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मेडिकल रिपोर्ट में प्रीति अंगदान के लिए फिट

वकील नीलेश के अनुसार, MY हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड, MGM मेडिकल कॉलेज के डीन और भोपाल के पुलिस कमिश्नर ने मामले पर विचार विमर्श करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रीति अंगदान करने के लिए बिल्कुल फिट पाई गई तो हाईकोर्ट ने परमिशन ग्रांट कर दी। वहीं शिवनारायण के डॉ. अमित बरफा ने कोर्ट को जानकारी दी कि लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी कर ली है। सर्जरी में 10 से 12 घंटे लगेंगे। क्योंकि देरी करने से शिवनारायण की सर्जरी करने में मुश्किल आ सकती है, इसलिए हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मिलते ही सर्जरी कर दी जाएगी।

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