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Vinesh Phogat आंदोलन करने को क्यों हुई थीं मजबूर? पहलवानों के यौन शोषण से जुड़ा था केस

Paris Olympic 2024 Medalist Vinesh Phogat Protest Story: देश की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने ओलंपिक के फाइनल में जगह बना ली है। हालांकि आज से ठीक 14 महीने पहले विनेश दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन कर रही थीं, जिसके बाद विनेश पर भी सवाल उठने शुरू हो गए थे।
10:33 AM Aug 07, 2024 IST | Sakshi Pandey
vinesh phogat आंदोलन करने को क्यों हुई थीं मजबूर  पहलवानों के यौन शोषण से जुड़ा था केस

Paris Olympic 2024 Medalist Vinesh Phogat Protest Story: विनेश फोगाट एक बार फिर से देश की स्टार पहलवान बनकर उभरी हैं। इसी के साथ पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश भारत की पहली महिला रेसलर बन चुकी हैं। हालांकि विनेश का ये सफर बिल्कुल आसान नहीं था। रियो ओलंपिक और टोक्यो ओलंपिक में मेडल से चूकने के बाद विनेश को निलंबित कर दिया गया। इस बार भी लोगों को विनेश से कुछ ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं। मगर विनेश ने सभी नफरत करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है।

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विनेश ने तीन महीने पहले किया था ट्वीट

कुछ महीने पहले विनेश को आपने दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन करते देखा होगा। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे दो ओलंपिक मेडलिस्ट के साथ विनेश भी जंतर मंतर पर धरना देने पहुंची थीं। इस दौरान विनेश पर कई आरोप लगे। हालांकि विनेश ने जुबानी जंग लड़ने की बजाए रेसलिंग रिंग से जवाब देने की ठान ली थी। मार्च में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था प्यारे हेटर्स, मेरे पास आप सभी को गुस्सा दिलाने के लिए बहुत कुछ है, बस रुको और थोड़ा सा धैर्य रखो। आखिर विनेश ने अपना कमेंटमेंट पूरा किया।

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दिल्ली में किया आंदोलन

सवाल ये है कि विनेश के लिए लोगों में मन में नफरत आखिर क्यों पनपी? दरअसल ये कहानी जनवरी 2023 में शुरू हुई थी। साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट समेत कई खिलाड़ियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर का रुख किया। सभी ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण, छेड़खानी और मनमानी करने का आरोप लगाया था। कड़ाके की सर्दी में धरना देते हुए सभी ने बृजभूषण को पद से हटाने की मांग की।

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अनुराग ठाकुर ने दिया आश्वासन

आंदोलन को तूल पकड़ता देखकर तत्कालीन खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी पहलवानों से मुलाकात करके कमेटी बनाने का गठन किया। अनुराग ठाकुर के भरोसे पर सभी पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया। कुछ समय बाद मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। बृजभूषण सिंह लगातार इन आरोपों को झूठा करार देते हुए पद पर बने रहे। अप्रैल के अंत में सारे पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और इस बार लंबा धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। पुलिस ने FIR लिखने से मना किया तो पहलवानों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। दबाव में आकर पुलिस ने शिकायत दर्ज की।

दिल्ली में हुआ दंगल

28 मई को राजधानी में नई संसद का उद्घाटन समारोह हुआ। इस दौरान पहलवानों ने संसद का रुख किया तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। पुलिस और पहलवानों के बीच टकराव देखने को मिला। इस भीड़ में विनेश फोगाट भी मौजूद थीं। दिल्ली की सड़कों से कई हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं। इसी के 14 महीने बाद विनेश ने विदेशी सरजमी पर भारत का झंडा लहरा कर पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

पेरिस ओलंपिक पहुंची विनेश

रियो ओलंपिक और टोक्यो ओलंपिक में अपने लक्ष्य से चूकने के बाद विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेना मुश्किल हो गया था। उन्हें 53 किलो की कैटेगरी में नहीं लड़ने दिया। लिहाजा विनेश ने 50 किलोग्राम की कैटेगरी में दावा ठोंका और पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंच गईं।

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