भाजपा सांसद से पूछताछ क्यों नहीं? कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद सुरक्षा चूक की जांच पर खड़े किये सवाल
Parliament Security Breach Update: संसद के शीतकालीन सत्र में 141 सांसदों के निलंबन का मुद्दा देश में सुर्खियां बटोर रहा है। कांग्रेस ने संसद सुरक्षा चूक मामले को लेकर अगली रणनीति तय करने के लिए आज संसदीय दल की बैठक बुलाई। बैठक में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि इतनी बड़ी तादाद में कभी भी सांसदों को निलंबित नहीं किया गया। मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है।
सोनिया ने आगे कहा कि 13 दिसंबर को जो कुछ हुआ वो स्वीकार्य नहीं है। इस मुद्दे पर पीएम का बयान घटना के 4 दिन बाद आया। इससे पहले इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में सांसदों के सस्पेंशन का मुद्दा भी उठा था। सभी विपक्षी दलों ने इनकी निंदा की थी।
The entire Modi ecosystem now being galvanised on the so-called mimicry non-issue, while it remains silent on the real issue of why and how a BJP MP from Mysuru facilitated entry of two intruders into Lok Sabha on December 13th — who are now charged under the anti-terror law…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 20, 2023
जयराम रमेश ने पूछा ये सवाल
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि लोकसभा में सुरक्षा चूक मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। घटना को हुए पूरा एक सप्ताह बीत गया है। पीएम,गृह मंत्री और लोकसभा स्पीकर कह रहे हैं जांच शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि जांच शुरू होने के 7 दिन बाद भी जांच समिति ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा से पूछताछ क्यों नहीं हुई? उनके पास से ही 2 युवकों ने लोकसभा में प्रवेश किया था।
जयराम रमेश ने कहा कि संसद में सुरक्षा चूक मामले को लेकर विपक्ष गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहा था। ऐसे में 141 सांसदों को निलंबित करना किसी भी तरह से ठीक नहीं है। रमेश ने कहा कि आरोपियों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं।
यह है मामला
बता दें 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी। इस दौरान 2 युवक भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के द्वारा जारी किए गए विजिटर्स पास के जरिये पहले लोकसभा की विजिटर्स गैलरी में पहुंचे और इसके बाद सदन में कूद गए। वहां एक ने अपने जूते में से कनस्तर निकाला और पीला धुआं छोड़ दिया। मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। फिलहाल मामले में पुलिस 7 आरोपियों को पकड़ चुकी है। वहीं सुरक्षा में लापरवाही के चलते 7 अधिकारियों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है।