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SC ने पंतजलि के बैन प्रोडक्ट की ब्रिकी पर रोक लगाई, विवादित बयान पर IMA प्रेसिडेंट को नोटिस

Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को पेशी पर छूट देने से इंकार कर दिया।
10:59 PM May 07, 2024 IST | Rakesh Choudhary
sc ने पंतजलि के बैन प्रोडक्ट की ब्रिकी पर रोक लगाई  विवादित बयान पर ima प्रेसिडेंट को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फिर लगाई फटकार

Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार 7 मई को पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां की। कोर्ट ने कहा कि पतंजलि के वे उत्पाद जिन पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है उनके भ्रामक विज्ञापनों को हटाने के लिए क्या कदम उठाएंगे? प्रतिबंध लगने के बाद भी ये सभी उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने की।

मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने पतंजलि के वकीलों से पूछा कि आपके उत्पादों के भ्रामण विज्ञापन अभी भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। आप उन्हें हटाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? पंतजलि की ओर से पेश वकील बलबीर सिंह ने बताया कि अगली सुनवाई में हम प्रतिबंधित उत्पादों के विज्ञापन को इंटरनेट चैनलों पर प्रसारित होने से रोकने के लिए एक मसौदा पेश करेंगे। बता दें कि कोर्ट कोविड-19 के दौरान पतंजलि द्वारा प्रसारित किए भ्रामक विज्ञापनों को लेकर आईएमए की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

प्रतिबंधित उत्पादों को बेचने से रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए

जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि जिन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनको बेचने से रोकने के लिए आप क्या कदम उठा रहे हैं। ऐसे उत्पादों को बेचे जाने से रोकना होगा। इस दौरान कोर्ट ने पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को पेशी छूट देने की मांग को खारिज कर दिया। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हमने आज हुई सुनवाई के लिए उनको छूट दी थी।

आईएमए को भी लगाई लताड़

मामले में कोर्ट ने आईएमए अध्यक्ष से भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि 29 अप्रैल को सुनवाई के बाद आईएम अध्यक्ष ने कई मीडिया चैनलों को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी। इस पर जवाब देते हुए आईएमए के वकील ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आचोलना नहीं बल्कि प्रंशसा कर रहे थे। उनके वकील ने कहा कि आईएमए अध्यक्ष को अपने बयानों के लिए खेद है। इस पर कोर्ट ने 14 मई को मामले में हलफनामा पेश करने को कहा है

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