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पीएम मोदी के इस अभियान का दिखा असर, बचाई 70 हजार शिशुओं की जान; नई रिपोर्ट में दावा?

Impact of Swachh Bharat Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का असर दिखा है। एक नई रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि इस मिशन के कारण हजारों शिशुओं की जान बची है। नई रिपोर्ट नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
09:04 PM Sep 05, 2024 IST | Parmod chaudhary
पीएम मोदी के इस अभियान का दिखा असर  बचाई 70 हजार शिशुओं की जान  नई रिपोर्ट में दावा

New Study Report: पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का व्यापक असर देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार शौचालयों का निर्माण होने से अब तक 60 से 70 हजार शिशुओं की जान बचाई जा सकी है। नेचर जर्नल में इसको लेकर एक रिसर्च छपी है। पीएम मोदी ने इस शोध का लिंक भी शेयर किया है। पीएम ने साथ में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया है। रिसर्च में 2011 से 2020 के बीच का हवाला दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि इस अभियान से हर साल हजारों बच्चों की जिंदगी बच रही है।

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खुद पीएम मोदी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर इस रिसर्च को शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि इस रिपोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियानों के प्रभाव को उजागर किया है। जिससे उनको खुशी हुई है। उचित शौचालयों तक पहुंच शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने में काफी कारगर रही है। उनको खुशी है कि भारत की इसमें अग्रणी भूमिका रही है। जो सफाई और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से गेम चेंजर की भूमिका निभा रही है।

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यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट और ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने मिलकर तैयार किया है। शोध में 35 राज्यों के 640 जिलों में शिशु मृत्यु दर और पांच साल से छोटे बच्चों के आंकड़ों पर अध्ययन किया गया है। डाटा 2011 से 2020 के बीच लिया गया है। रिसर्च पेपर के लेखक सोयरा गुने हैं। जिनका कहना है कि कम और मध्यम विकसित देशों में अधिकतर ध्यान गर्भावस्था और प्रसव के बाद के समय में इलाज और बचाव पर दिया जाता है।

2014 में शुरू हुआ था मिशन

वे इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्चर हैं। इन देशों में अब स्वच्छता में बड़े पैमाने पर निवेश देखने को मिला है। जिससे मृत्यु दर में काफी गिरावट आई है। शोध के अनुसार इन जिलों में 30 फीसदी अधिक टॉयलेट बने हैं। जिससे शिशु मृत्यु दर में 5.3 और 5 साल से कम बच्चों की मृत्यु दर में 6.8 फीसदी तक कमी आई है। यह मिशन 2014 में शुरू हुआ था।

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