प्रदीप सिंह खरोला कौन? जिन्होंने संभाली NTA की कमान, देखें IIT से UPSC और DG तक का सफर
Pradeep Singh Kharola NTA DG: नीट पेपर लीक मामले के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की साख भी दांव पर लगी है। नीट परीक्षा 2024 के नतीजे आने के बाद से ही NTA सवालों के कठघरे में है। सरकार ने एक्शन लेते हुए NTA के डीजी सुबोध कुमार को पद से हटा दिया है। अब रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को NTA का नया महानिदेशन नियुक्त किया गया है। 1985 बैच से कर्नाटक कैडर के अफसर रहे प्रदीप सिंह ने कई सरकारी एजेंसियों की डूबती नैया को पार लगाया है। बतौर आईएएस ऑफिसर प्रदीप सिंह खरोला का सफर काफी शानदार रहा है। यही वजह है कि अब सरकार ने उन्हें NTA की कमान सौंपी गई है। तो आइए जानते हैं प्रदीप सिंह खरोला के बारे में विस्तार से।
IIT में रहे टॉपर
प्रदीप सिंह खरोला उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं। 1982 में उन्होंने इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल की पढ़ाई की। 1984 में उन्होंने IIT दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्होंने IIT दिल्ली में टॉप किया। प्रदीप सिंह खरोला ने फिलीपींस की राजधानी मनीला के एक कॉलेज से मास्टर्स की डिग्री ली और 1985 में देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC भी पास कर ली। प्रदीप सिंह को कर्नाटक कैडर का ऑफिसर नियुक्त किया गया।
बेंगलुरू बस सेवा को घाटे से उबारा
आईएएस ऑफिसर के रूप में प्रदीप सिंह खरोला ने कई सराहनीय काम किए। 90 के दशक में बेंगलुरू सिटी बस सेवा घाटे में चल रही थी। हालांकि साल 2000 में प्रदीप सिंह खरोला ने ना सिर्फ बेंगलुरू बस सेवा बल्कि बेंगलुरू मेट्रोपॉलिटन ट्रासपोर्ट कॉर्पोरेशन को भी घाटे से निकालकर मुनाफे की तरफ ले गए। यही नहीं, बेंगलुरू मेट्रो में भी प्रदीप सिंह खरोला ने अहम योगदान दिया है।
एयर इंडिया के चेयरमैन
प्रदीप सिंह खरोला मशहूर विमानन कंपनी एयर इंडिया का भी दारोमदार ले चुके हैं। हालांकि जब प्रदीप सिंह को एयर इंडिया का चेयरमैन बनाया गया तो कंपनी पूरी तरह से कर्ज में डूबी थी और सरकार इसके प्राइवेटाइजेशन की तैयारी कर रही थी। लिहाजा प्रदीप सिंह खरोला को एयर इंडिया में सुधार करने का पर्याप्त समय नहीं मिला। 2012-13 में उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बनाया गया। 2021 में नागरिक उड्डयन सचिव के पद पर रहते हुए प्रदीप सिंह खरोला सेवानिवृत हो गए। हालांकि सर्विस छोड़ने के बावजूद वो सरकारी एजेंसियों से जुड़े रहे। 2022 में उन्हें राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का अध्यक्ष बनाया गया। अभी वो आटीपीओ के अध्यक्ष पद पर थे लेकिन उन्हें अब NTA की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।