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सिर से हटा पिता का साया, 500 रुपए में परिवार का पेट भरा, घर भी छिना पर नहीं मानी हार; कोटा की प्रेरणा बन गई NEET टॉपर

Prerna Singh Kota Rajasthan NEET Topper: डॉक्टर बनने के लिए नीट परीक्षा पास करना कई लोगों का सपना होता है। हालांकि पिता को खोने और परिवार पर लाखों का कर्ज होने के बावजूद कोटा की प्रेरणा सिंह ने हार नहीं मानी और पहले ही प्रयास में नीट जैसी कठिन परीक्षा पास कर ली।
07:00 AM Jun 14, 2024 IST | Sakshi Pandey
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NEET Success Story: नीट को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। नीट की परीक्षा पास करने के लिए बच्चे महंगी कोचिंग की मदद लेते हैं। मगर कोटा की रहने वाली प्रेरणा ने जिंदगी की परेशानियों से जूझते हुए नीट की परीक्षा क्लियर कर ली।

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पिता की मौत से लगा सदमा

आमतौर पर राजस्थान के कोटा को IIT का हब माना जाता है। मगर कोटा से ताल्लुक रखने वाली प्रेरणा सिंह की कहानी भी कम हैरतअंगेज नहीं है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेरणा ने नीट की परीक्षा देने का मन बनाया। हालांकि इसी बीच पिता की मौत से प्रेरणा को गहरा सदमा लगा। पिता का साथ छूट गया और घर में मां के अलावा छोटे भाई-बहन भी थे।

27 लाख का लोन

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सभी भाई-बहनों में प्रेरणा सबसे बड़ी थी। लिहाजा भाई-बहन को संभालने की जिम्मेदारी भी उसपर आ गई। पिता की मौत के बाद पता चला कि परिवार पर 27 लाख का लोन था। वहीं मां को हर महीने 500 रुपए पेंशन मिलती थी। जिससे उनके घर का खर्च चलता था। ऐसे में 27 लाख का लोन भला कैसे पूरा होता। लिहाजा प्रेरणा का घर उससे हमेशा के लिए छिन गया।

कोरोना महामारी की एंट्री

इतने के बावजूद मुश्किलों ने इम्तिहान लेना बंद नहीं किया। प्रेरणा का परिवार सड़क पर आ चुका था। इसी बीच देश में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी। हालांकि तमाम मुसीबतों को नजरअंदाज करके प्रेरणा ने सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस करने का फैसला किया।

500 रुपए में चलता था घर खर्च

प्रेरणा अपने पूरे परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहती थी। घर का खर्च मां को मिलने वाली 500 रुपए की पेंशन से चलने लगा। वहीं प्रेरणा जिस कमरे में पढ़ाई करती थी, वहां सिर्फ बैठने की जगह थी। प्रेरणा उसी कमरे में 10-12 घंटे रोज पढ़ने लगी। आखिर में उसकी मेहनत रंग लाई और उसने पहले ही प्रयास में नीट की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर ली।

पहले प्रयास में पास किया नीट

प्रेरणा ने नीट 2022 का एग्जाम दिया। इस परीक्षा में कुल 2.5 लाख बच्चों ने बाजी मारी थी। प्रेरणा ने 720 में से 686 अंक प्राप्त किए थे। इसी के साथ प्रेरणा ने ऑल इंडिया रैंक 1033 हासिल कर ली।

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