Pune Porshe Accident के आरोपी का ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंका गया, आरोप- 3 लाख रिश्वत मिलते ही बदली HOD की नीयत
Pune Porsche Case: पुणे कार क्रैश मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस केस में नया अपडेट सामने आया है। खबरों की मानें तो फॉरेंसिक विभाग के एचओडी यानी हेड को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा पुलिस ने दो अन्य डॉक्टर्स को भी हिरासत में लिया है। सभी पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। खबरों की मानें तो फॉरेंसिक टीम ने अपराधी का ब्लड सैंपल कूड़ेदान में फेंक दिया था।
फॉरेंसिक विभाग पर लगे आरोप
पुणे के ससून अस्पताल की फॉरेंसिक टीम पर रिश्वत लेकर सबूत मिटाने के आरोप हैं। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के अनुसार फॉरेंसिक हेड ने 3 लाख की रिश्वत ली थी। इसके बदले में उन्होंने नाबालिग आरोपी वेदांत का ब्लड सैंपल कूड़ेदान में फेंक दिया और किसी दूसरे शख्स का ब्लड सैंपल लेकर रिपोर्ट बनाई। जिससे वेदांत के शराब पीने की बात सामने नहीं आई थी।
सबूतों से छेड़छाड़
बता दें कि पुणे पोर्शे कार क्रैश के नाबालिग आरोपी वेदांत का मेडिकल टेस्ट पुणे के ससून अस्पताल में हुआ था। वेदांत ने शराब के नशे में दो लोगों को टक्कर मारी और दोनों की जान चली गई। हालांकि फॉरेंसिक जांच में डॉक्टर्स ने दावा किया कि वेदांत ने शराब नहीं पी थी। फॉरेंसिक टीम पर आरोप है कि उन्होंने वेदांत का ब्लड सैंपल बदल दिया था। जिससे जांच में वेदांत के शराब पीने के सबूत मिट गए। अब पुलिस ने मामले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए फॉरेंसिक विभाग के मुखिया समेत दो डॉक्टर्स को हिरासत में ले लिया है।
दूसरी ब्लड रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हादसे के बाद 19 मई की सुबह करीब 11 बजे पुणे के ससून अस्पताल ले जाया गया था। जहां उसकी फॉरेंसिक जांच करवाई गई। हालांकि शुरुआती जांच में वेदांत के ब्लड सैंपल में शराब पीने की बात सामने नहीं आई। लेकिन बाद में वेदांत की दूसरी ब्लड रिपोर्ट आई और उसमें वेदांत के शराब पीने की बात कुबूली गई थी। इसी वजह से पुलिस को शक है कि अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की गंभीरता को समझते हुए दूसरी ब्लड रिपोर्ट जारी कर दी।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि पुणे पोर्शे कार क्रैश शुरुआत से ही विवादों के घेरे में है। 18 मई की रात 17 साल के वेदांत ने शराब के नशे में दो लोगों को पोर्शे कार से टक्कर मार दी और दोनों की मौके पर मौत हो गई। वेदांत महाराष्ट्र के बड़े बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा है। लिहाजा विशाल ने अपने बेटे को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनवाने से लेकर ड्राइवर पर आरोप लगाने तक इस केस को गुमराह करने की कई कवायदें हुईं। मगर सारी कोशिशें फेल हो गईं।
ड्राइवर की पत्नी को धमकाया
वेदांत के पिता और दादा दोनों ने ना सिर्फ ड्राइवर को बंदी बनाकर उसका फोन छीन लिया बल्कि ड्राइवर की पत्नी को भी धमकी दी। वेदांत की मां ने भी ड्राइवर से आरोप खुद पर लेने की इमोशनल अपील की। मगर इस पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया और पुलिस के सामने एक-एक करके सारे राज खुलते चले गए। 24 मई को पुणे की स्पेशल कोर्ट ने वेदांत के पिता समेत 6 आरोपियों को सात दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है।