नागराज करते हैं पुरी के खजाने की पहरेदारी! क्यों सपेरे खोज रहा मंदिर प्रशासन?
Puri Temple Trust Looking For Snake Charmers : प्राचीन मंदिरों में या अन्य जगहों पर खजाने की रखवाली करते सांपों के किस्से आपने कहानियों में खूब सुने और फिल्मों में खूब देखे होंगे। ऐसा ही एक मामला अब ओडिशा के पुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में सामने आया है। दरअसल, मंदिर प्रशासन 14 जुलाई को 46 साल बाद मंदिर के रत्न भंडार को खोलने जा रहा है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन को भंडार में जहरीले सांपों के होने का खतरा दिख रहा है।
इसे देखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कुशल सपेरों की तलाश शुरू कर दी है। इन सपेरों को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रत्न भंडार में तैनात किया जाएगा। इसके बाद भी अगर सांप किसी को डस लेता है तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मंदिर प्रशासन डॉक्टर्स की एक टीम भी तैनात करेगा जिसके पास प्रॉपर मेडिसिन किट होगी, ताकि सर्पदंश का शिकार होने वाले व्यक्ति का समय रहते इलाज किया जा सके। सांपों को लेकर प्रशासन के अंदर डर बना हुआ है।
सरकार को भेजा है ड्राफ्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार मंदिर प्रशासन ने सरकार के पास रत्न भंडार की ओपनिंग को लेकर एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का एक ड्राफ्ट भेजा है। इसमें भंडार के खुलने के दौरान वहां पर सपेरों और डॉक्टर्स की टीम की तैनाती कराने की मांग की गई है। बता दें कि इससे पहले यह रत्न भंडार 14 जुलाई 1985 को भगवान बलभद्र के लिए सोने का एक आभूषण निकालने के लिए खोला गया था। मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर के इस रत्न भंडार की सुरक्षा जहरीले किंग कोबरा करते हैं।
क्या बोले समिति सदस्य?
सरकार के पास ड्राफ्ट भेजने वाली 16 सदस्यीय समिति के सदस्य ने कहा कि हम यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि रत्न भंडार में कितनी तरह की प्राचीन कीमती वस्तुएं हैं। लेकिन वहां सांपों की मौजूदगी को लेकर हम उतना ही डरे हुए भी हैं। एक अन्य सदस्य ने कहा कि हाल ही में हुए जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के दौरान मंदिर का सुंदरीकरण किया जा रहा था। इस दौरान भी मंदिर परिसर में कई सांप मिले थे। मंदिर रत्न भंडार में भी सांपों के मौजूद होने की पूरी-पूरी संभावना है।