'आज भी चक्रव्यूह रचा, अभिमन्यु को 6 लोग मार रहे'; बजट पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की धुआंधार स्पीच
Rahul Gandhi Speech on Budget: आज संसद के मानसून सत्र का छठा दिन है और बजट पर चर्चा चल रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बजट पर स्पीच दे रहे हैं और धुआंधार बयानबाजी हो रही है। राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में महाभारत में रचे गए चक्रव्यूह की कहानी सुनाई तो स्पीकर ओम बिड़ला ने टोक दिया। इस पर खूब हंगामा हुआ।
राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में जहां बजट पर बात की, वहीं अग्निवीर भर्तियों, नीट पेपर लीक, किसानों के लिए बने 3 काले कानूनों समेत कई मुद्दों पर बात की। राहुल गांधी से पहले सदन में शनिवार को दिल्ली में राउ IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे का मुद्दा गरमाया। कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश करके मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई। वहीं राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए क्या कहा? आइए जानते हैं...
आज भी अभिमन्यु को 6 लोग मिलकर मार रहे
राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में कहा कि आज भी कुरुक्षेत्र में चक्रव्यूह रचा है और आज भी अभिमन्यु को 6 लोग मिलकर मार रहे हैं। यह अभिमन्यु हैं- देश के किसान, नौजवान, छोटे दुकानदार और इनके जैसे कई अन्य वर्गों के लोग। इन्हें मारने वाले हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, गौतम अडानी, मुकेश अंबानी। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले 3 काले कानून बनाए। किसानों ने विरोध किया तो उन्हें दिल्ली के अंदर घुसने तक नहीं दिया।
उनकी बात सुनना तो दूर की बात है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नीट पेपर लीक पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाकर बजट में उनकी पेंशन का जिक्र न करके वार किया। हां, इंटर्नशिप का जिक्र करके उनका मजाक जरूर बनाया। इतना सुनते ही स्पीकर ओम बिड़ला बोले कि नेता प्रतिपक्ष नियमों का उल्लंघन न करें। तब राहुल गांधी ने कहा कि ठीक है, अडानी-अंबानी की बात नहीं करते, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की बात तो होनी चाहिए।
राहुल गांधी ने PM मोदी पर कसा तंज
राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई शिव की बारात और चक्रव्यूह को तोड़ने की है। शिव की बारात है, जैसे मनरेगा संविधान की बात...लेकिन आप (सत्तापक्ष) चक्रव्यूह बनाते हो। कभी भी शिव की बारात को चक्रव्यूह तोड़ नहीं सकता। भारत का बजट 20 लोगों ने तैयार किया है और उसमें से सिर्फ एक मुस्लिम और एक OBC है। बजट का हलवा बंटा, लेकिन कुछ ही लोगों में बंटा। देश में ज़रूरत जातीय जनगणना की है। इस समय देश में 2 पॉवर हैं- एक आर्थिक और दूसरी एजेंसी, जिनके जरिए लोगों को डराया धमकाया जा रहा है।
21वीं सदी में जिस चक्रव्यूह की बात हो रही है, उसे PM मोदी सीने पर लगाकर चलते हैं, उसका आकार कमल जैसा है। जो हाल अभिमन्यु का हुआ था, वही भारत का हो रहा है। भाजपा केवल एक आदमी है, बाकी सब डरे हुए हैं, जिन्हें हर समय कार्रवाई का डर सताता है। बजट में मिडिल क्लास, दलितों, आदिवासियों को कुछ नहीं मिला। सिर्फ OBC और मुसलमान नजर आए और वे ही सारा हलवा चट कर गए।