Independence Day पर राहुल गांधी ने बनाया ये रिकॉर्ड, एक दशक में देश के पहले ऐसे नेता बने
Independence Day 2024 : पूरे देश में आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 11वीं बार तिंरगा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लिए पहली पक्ति में सीट रिजर्व थी, लेकिन उन्होंने इस सीट को छोड़ने का फैसला किया। आइए जानते हैं कि राहुल गांधी ने पहली सीट क्यों छोड़ी?
पिछले एक दशक से लोकसभा में विपक्ष मजबूत नहीं था, इसलिए नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। इस बार कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सीटों पर जीत दर्ज की और राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बन गए। लाल किले पर आयोजित 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होकर राहुल गांधी ने नया रिकॉर्ड बना दिया। एक दशक बाद पहली बार राहुल गांधी लाल किले के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले नेता प्रतिपक्ष बने।
राहुल गांधी ने जताई थी इच्छा
78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राहुल गांधी को पहली पंक्ति की सीट आवंटित की गई थी, लेकिन वे वहां नहीं बैठे। उन्होंने आम लोगों के बीच बैठकर उनके साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह का आनंद लिया। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के लिए आगे की लाइन की सीट आरक्षित थी, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से लाइन में पीछे बैठने का फैसला किया।
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आम लोगों के बीच बैठकर दिल छू गए राहुल गांधी
अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी ने मौके पर व्यवस्था देख रहे अफसरों से कहा कि वह आम लोगों के बीच बैठना चाहते हैं, क्योंकि वे संसद भवन में नेताओं के साथ बैठते रहते हैं। कांग्रेस नेता जिस पंक्ति में बैठे थे, वहां पेरिस ओलंपिक में शिरकत करने वाले एथलीट और आम लोग बैठे हुए थे। इस लाइन बैठने वालों में भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश, कप्तान हरमनप्रीत सिंह, निशानेबाज मनु भाकर शामिल थीं।
2019 में पहली बार मिली थी पहली पंक्ति में जगह
आपको बता दें कि इससे पहले साल 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह में राहुल गांधी को पहली पंक्ति में बैठने के लिए जगह नहीं दी गई थी। उनके लिए चौथी पंक्ति में सीट आवंटित की गई थी। इसे लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार का अपमान और सस्ती राजनीति बताया। इस हंगामे के बाद 2019 में राहुल को पहली पंक्ति की सीट मिली। हालांकि, उस वक्त राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष नहीं थे।
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नेता प्रतिपक्ष ने देशवासियों को दीं शुभकामनाएं
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए स्वतंत्रता सिर्फ एक शब्द नहीं- संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में पिरोया हुआ हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। यह शक्ति है अभिव्यक्ति की, क्षमता है सच बोलने की और उम्मीद है सपनों को पूरा करने की। जय हिंद।