'वंडरफुल स्पीच', संसद में प्रियंका गांधी के पहले संबोधन पर क्या बोले राहुल गांधी?
Rahul Gandhi Statement On Priyanka Gandhi Vadra Address : केरल के वायनाड से सांसद बनने के बाद प्रियंका गांधी ने लोकसभा को पहली बार संबोधित किया। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उनके भाई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उनकी हौसला अफजाई करते नजर आए। कांग्रेस सांसद ने प्रियंका गांधी के संबोधन को वंडरफुल बताया।
प्रियंका गांधी के पहले संबोधन पर क्या बोले रायबरेली सांसद?
लोकसभा में प्रियंका गांधी के पहले संबोधित को लेकर जब संसद के बाहर मीडिया ने राहुल गांधी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- वंडरफुल स्पीच। राहुल गांधी ने संसद में प्रियंका गांधी के पहले भाषण पर कहा कि उन्होंने इसे देखा, यह बहुत अच्छा और अद्भुत भाषण था। यह उनके पहले भाषण से बेहतर था, इसे ऐसे कह सकते हैं।
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#WATCH | "Wonderful speech. Better than my maiden speech, let's put it like that," says Lok Sabha LoP Rahul Gandhi on the maiden address of Congress MP Priyanka Gandhi Vadra in Lok Sabha pic.twitter.com/sS80UPEtw0
— ANI (@ANI) December 13, 2024
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की तारीफ
वहीं, संसद में प्रियंका गांधी के पहले भाषण पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बहुत बढ़िया भाषण था। उन्होंने सरकार के सामने सभी तथ्य रखे और बताया कि कैसे संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है। वे उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हैं।
#WATCH दिल्ली: संसद में प्रियंका गांधी के पहले भाषण पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, " बहुत बढ़िया भाषण था... उन्होंने सरकार के सामने सभी तथ्य रखे और बताया कि कैसे संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है...हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश… pic.twitter.com/l3cTOPkn5n
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2024
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जानें संसद में क्या बोलीं प्रियंका गांधी?
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि संविधान एक सुरक्षा कवच है। ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने का पूरा प्रयास किया है। संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादे सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है।