Rajiv Gandhi assassination: दोषियों को रिहा करने के फैसले के खिलाफ केंद्र ने दाखिल की रिव्यू पिटीशन
Rajiv Gandhi assassination: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजीव गांधी हत्या मामले में 11 नवंबर को दोषियों को रिहा करने के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियों नलिनी, मुरुगन, रविचंद्रन, जयकुमार, संथन उर्फ सुथेनथिराराजा और रॉबर्ट पायस को रिहा करने का आदेश दिया था।
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Centre files review petition in the Supreme Court against the November 11 order allowing the release of all convicts in the Rajiv Gandhi assassination case. pic.twitter.com/stcCnGENnz
— ANI (@ANI) November 17, 2022
यह पिटीशन शीर्ष अदालत में दाखिल की गई है। अदालत में दोषियों को रिहा करने के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए आग्रह किया गया है। बता दें 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की तमिलनाडु में चेन्नई के पास स्थित श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।
इस आत्मघाती हमले में राजीव गांधी और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 26 दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी। हालांकि मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बरी कर दिया था। बचे हुए सात में से चार अभियुक्तों (नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन) को मृत्युदंड सुनाया गया और बाकी (रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) को उम्र क़ैद की सज़ा मिली थी। जिन्हें
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