जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस रिजेक्ट, उपसभापति ने बताई वजह
No Confidence Notice : देश की सदन में शीतकालीन सत्र चल रहा है, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर बवाल काटा। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था। इस मामले में विपक्ष को बड़ा झटका लगा और धनखड़ के खिलाफ लाए अविश्वास का नोटिस रिजेक्ट हो गया। आइए जानते हैं कि उपसभापति ने इसकी क्या वजह बताई?
विपक्ष ने जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में अविश्वास नोटिस दिया था। सूत्रों के अनुसार, उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि महाभियोग नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं और मौजूदा उपराष्ट्रपति को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने अविश्वास नोटिस को खारिज कर दिया।
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सभापति को जानबूझकर अपमानित करने का दुस्साहस : उपसभापति
उपसभापति ने अविश्वास नोटिस पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस व्यक्तिगत रूप से लक्षित नोटिस की गंभीरता तथ्यों से रहित है और इसका उद्देश्य सिर्फ प्रचार हासिल करना है। उन्होंने यह भी माना कि यह नोटिस सबसे बड़े लोकतंत्र के उपराष्ट्रपति के उच्च संवैधानिक पद को 'जानबूझकर अपमानित करने' का एक दुस्साहस था।
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60 सांसदों ने दिया था अविश्वास नोटिस
आपको बता दें कि विपक्षी दलों के 60 सांसदों ने 10 दिसंबर को जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें सभापति पर भरोसा नहीं है। वे 'पक्षपातपूर्ण हैं। इस मामले से सभापति जगदीप धनखड़ ने खुद को अलग कर लिया और उपसभापति को नोटिस के निपटने की जिम्मेदारी सौंपी दी।