क्या है राज्यसभा का इतिहास, 5 पॉइंट्स में जानें यह लोकसभा से कैसे अलग?
Rajya Sabha Election 2024: राज्यसभा के लिए 27 फरवरी को मतदान होंगें। इस चुनाव में देश के अलग-अलग राज्यों से 56 राज्यसभा सदस्य चुने जाने हैं। जिसमें से 41 सीटों के लिए सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके हैं, सिर्फ उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की 15 सीटों के लिए मतदान होने हैं। राज्यसभा में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 10 सदस्य और सबसे कम उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ से एक-एक सीटें हैं।
क्या है राज्यसभा का इतिहास
अप्रैल 1952 में भारत सरकार ने काउंसिल ऑफ स्टेट बनाई थी। इसके दो साल बाद 23 अगस्त 1954 को तत्तकालीन सरकार ने इसका नाम बदलकर राज्यसभा रखा। इससे भी पहले का इतिहास खंगाले तो पता चलता है कि साल 1919 में अग्रेजों की ब्रिटिश इंडिया कंपनी एक ऊपरी सदन बनाया था। जिसे ही बाद में काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था। जानकारी के अनुसार राज्यसभा में कुल 250 सीटें होती हैं। जिनमें से 238 सीटों पर अप्रत्यक्ष चुनाव होते हैं। इसके अलावा 12 सीटों के लिए देश के राष्ट्रपति सदस्याें को मनोनीत करते हैं। मनोनीत सदस्य देश के विज्ञान, साहित्य, समाजसेवा कलाकार समेत अलग-अलग वर्गों से चुने जाते हैं।
राज्यसभा और लोकसभा में क्या अंतर होता है
लोकसभा
- लोकसभा की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
- लोकसभा में कुल 552 सीटें हैं।
- लोकसभा में सदस्य आम लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
- लोकसभा का कार्यकाल पांच साल के लिए होता है।
- लोकसभा सदस्य बनने के लिए आयु सीमा 25 साल है।
राज्यसभा
- राज्य सभा में उप-राष्ट्रपति उसकी अध्यक्षता करते हैं।
- राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं।
- राज्यसभा सदस्य चुनने के लिए विधायक वोट डालते हैं।
- राज्यसभा का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।
- राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य दो साल में सेवानिवृत होते हैं।
- राज्यसभा सदस्य के लिए आयु सीमा 30 वर्ष है।
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