वो गुमनाम चिट्ठी, जिसके कारण हुआ रणजीत सिंह का मर्डर! जानिए राम रहीम के फंसने की पूरी कहानी
Ranjit Singh Murder Case: राम रहीम को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रणजीत हत्याकांड से बरी कर दिया है। राम रहीम के अलावा 4 अन्य लोगों को बरी किया गया है, जिनको 2 अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। इससे पहले रणजीत सिंह मर्डर मामला एक गुमनाम चिट्ठी के कारण माना गया था। माना गया था कि इस चिट्ठी के कारण कई जानें गई। पत्रकार रामंचद्र हत्याकांड भी इसी चिट्ठी की वजह से हुआ। चिट्ठी को रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छाप दिया था। उस मामले में डेरा प्रमुख को सजा हो चुकी है।
रणजीत सिंह डेरे में मैनेजर के तौर पर काम करते थे। लेकिन हत्या से पहले वे इस काम को छोड़ चुके थे। रेप के आरोप लगने के बाद कई लोगों ने डेरा छोड़ दिया था। आरोप है कि डेरा प्रमुख को शक हुआ था कि चिट्ठी रणजीत सिंह ने अपनी बहन से लिखवाई है। इसी दौरान 10 जुलाई 2002 को कुछ अज्ञात लोगों ने रणजीत सिंह का मर्डर कर दिया था। सीबीआई कोर्ट से राम रहीम को सजा मिली थी। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा मुखी को अक्टूबर 2021 में दोषी ठहराया था। इसी के खिलाफ डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट का रुख किया था। मर्डर 2002 को हुआ था। 22 साल इस पुराने केस में 19 साल बाद फैसला सुनाया गया था। डेरा प्रमुख को दो साध्वियों से रेप के मामले में भी सजा हो चुकी है।
दो साध्वियों से रेप मामले में हो चुकी है सजा
गुरमीत राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने पुष्टि की है कि डेरा मुखी को बरी किया गया है। उनके अलावा 4 अन्य आरोपियों को भी कोर्ट से राहत मिली है। हाई कोर्ट ने फैसला पलटा है, वे इसका स्वागत करते हैं। अप्रैल 2002 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दो महिला साध्वियों से रेप को लेकर गुमनाम लेटर मिला था। मई 2002 में हाई कोर्ट ने सिरसा जिला एवं सत्र न्यायाधीश को जांच करने के आदेश दिए थे। जुलाई 2002 में रणजीत सिंह का मर्डर किया गया था। लेकिन मामला सितंबर 2002 में सीबीआई को हैंडओवर किया गया था।
अक्टूबर 2002 में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई। दिसंबर 2002 में सीबीआई ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर रेप और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। जुलाई 2007 में सीबीआई ने रेप मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 25 अगस्त 2017 को सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराया। 28 अगस्त 2017 को प्रत्येक मामले के लिए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।