रतन टाटा के निधन पर Dog ने सुबह से कुछ नहीं खाया, 'गोवा' ने भी दी श्रद्धांजलि
Ratan Tata Love For Dogs : पूरे देश में उद्योगपति रतन टाटा के निधन से शोक की लहर है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई तक, मुख्यमंत्री शिंदे से लेकर बॉलीवुड की हस्तियों तक ने उनके निधन पर शोक जताया। मुंबई के NCPA ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा गया, जहां लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर रतन टाटा का डॉग गोवा भी मौजूद रहा।
रतन टाटा ने सिर्फ बिजनेस की दुनिया में ही नाम कमाया, बल्कि वे पशु प्रेमी भी थे। उनका डॉग भी NCPA ग्राउंड पहुंचा और उन्हें श्रद्धांजलि दी। कुत्ते का नाम गोवा है। रतन टाटा ने कई साल पहले गोवा में उसे एडॉप्ट किया था, इसलिए उसका नाम गोवा रखा गया था। रतन टाटा का पसंदीदा डॉग गोवा माना जाता था। वह बॉम्बे हाउस में ही रहता है। बताया जा रहा है कि डॉग ने आज सुबह से कुछ नहीं खाया है।
यह भी पढ़ें : कौन हैं ली ह्सियन लूंग? 7 चुनिंदा हस्तियों में शामिल, जिन्हें रतन टाटा करते थे फॉलो
पशु प्रेमी थे रतन टाटा
पशु प्रेमी रतन टाटा अक्सर घायल आवारा कुत्तों की मदद करते थे और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर उन्हें एडॉप्ट करने की अपील भी करते थे। पशुओं के प्रति आपसी प्रेम के कारण ही रतन टाटा और 30 वर्षीय शांतनु नायडू एक-दूसरे के करीब आ गए थे। शांतनु नायडू ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया था, जिसका उद्देश्य सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को सड़क हादसों से बचाने के लिए उनके गले में रिफ्लेक्टिव कॉलर बांधना था।
रतन टाटा के निधन पर Dog गोवा ने भी दी श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/9Kkn4T3I3S
— Deepak Pandey (@deepakpandeynn) October 10, 2024
लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित हुए थे रतन टाटा
कुत्तों के प्रति उनका प्रेम इतना अधिक था कि एक बार रतन टाटा ने अपने बीमार कुत्ते के पास रहने के लिए एक रॉयल अवॉर्ड सेरेमनी में हिस्सा नहीं लिया था। 2018 में टाटा को उनके उत्कृष्ट परोपकारी प्रयासों के सम्मान में बकिंघम पैलेस में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह भी पढ़ें : रतन टाटा नहीं रहे… सुनते ही गरबा पंडाल हो गया खामोश! वीडियो में देखें कैसे लोगों ने दी श्रद्धांजलि
डॉग की वजह से शाही समारोह में नहीं गए थे बिजनेसमैन
बिजनेसमैन सुहेल सेठ ने बताया कि एक रात उन्हें टाटा की 11 मिस्ड कॉल आईं। जब उन्होंने उन्हें वापस कॉल किया तो टाटा ने बताया कि उनका कुत्ता बीमार है। उन्होंने कहा कि वह उसे छोड़कर नहीं आ सकते। सेठ के आग्रह के बावजूद टाटा ने अपने बीमार कुत्ते की देखभाल के लिए शाही समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। सेठ ने कहा कि इस निर्णय से राजा चार्ल्स तृतीय प्रभावित हुए, जिन्होंने उनकी प्रशंसा की थी।