विदेश में नर्स का यौन उत्पीड़न, बंगाल में करप्शन... संदीप घोष के कितने काले कारनामे?
Sandip Ghosh Controversies : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष इस समय मुश्किलों के तूफान में घिरे हुए हैं। इसी अस्पताल में पिछले महीने एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की जघन्य घटना हुई थी और घोष की मुसीबतें तब से लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। घटना के बाद संदीप घोष ने प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि यह अस्पताल राज्य सरकार की ओर से संचालित होता है।
कई लोगों ने आरोप लगाया कि घोष ने इस भयावह अपराध को छिपाने में बड़ा रोल निभाया था। लेकिन, घोष के खिलाफ आरोपों की यह शुरुआत भर थी। इस समय सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ जांच कर रही हैं। संदीप घोष पर कथित भ्रष्टाचार के साथ आरजी कर अस्पताल में अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम देने का भी आरोप है। घोष के खिलाफ जांच जैसे-जैसे आगे बड़ी उसके काले कारनामों का कच्चा-चिट्ठा और कई विवाद भी सामने आए। जानें संदीप घोष के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं और किन विवादों में उनका नाम उछला है।
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हॉन्ग कॉन्ग में नर्स का यौन उत्पीड़न!
7 साल पहले हॉन्ग कॉन्ग में संदीप घोष कानूनी पचड़े में पड़े थे जब उन पर सेक्लुअल मोलेस्टेशन यानी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। रिपोर्ट्स के अनुसार उस समय वह क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल में ऑर्थोपीडिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे और उन पर एक पुरुष नर्सिंग स्टूडेंट का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। नर्स ने दावा किया था कि घोष ने उसे गलत तरीके से छुआ और चेंजिंग रूम में भी अभद्रता करने की कोशिश की थी। घोष ने खुद को बेकसूर बताया था और अदालत से कहा था कि वह नर्स को डिसलोकेटेड कंधे को फिक्स करने का तरीका बता रहे थे और इस दौरान छूने की घटना गलती से हुई थी। अदालत ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था।
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क्राइम के पैसे से संपत्तियों की खरीद!
संदीप घोष और उनकी पत्नी संगीता घोष के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है। यह जांच दोनों की ओर से खरीदी गई उन संपत्तियों को लेकर है जिन पर सवाल उठे रहे हैं। आरोप है कि दोनों ने ये संपत्तियां अपराधों से कमाए गए पैसे से खरीदी थीं। 6 सितंबर को ईडी ने एक बयान में कहा था कि घोष के आवास पर छापेमारी के दौरान कुछ डिजिटल डिवाइसेज के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे जो ऐसी संपत्तियों से जुड़े थे जिन्हें संदीप घोष और उनकी पत्नी ने खरीदा था। जांच में यह भी पता चला कि संगीता घोष ने 2 संपत्तियों की खरीद बिना जरूरी अप्रूवल के की थी। संदीप के प्रिंसिपल रहते हुए संगीता आरजी कर अस्पताल में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं।
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लावारिश लाशें बेचने का काम किया!
डॉ. संदीप घोष पर लाशों का कारोबार करने का भी आरोप है। आरजी कर अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. अख्तर अली ने आरोप लगाया है कि घोष लावारिस लाशों को बेच रहे थे और बायोमेडिकल कचरे की ट्रैफिकिंग का काम भी करते थे। डॉ. अख्तर का दावा है कि वह बायोमेडिकल कचरा उन लोगों को बेचा करते थे जो उनकी एडिशनल सिक्योरिटी में शामिल थे। इस बायोमेडिकल वेस्ट को बाद में बांग्लादेश भेजा जाता था। अख्तर ने कहा था कि मामले में उनके खिलाफ एक केस दर्ज किया गया था, लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। अख्तर ने इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग से भी शिकायत की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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घरेलू हिंसा करने का भी लगा आरोप!
बारासत में संदीप घोष करीब 2 साल रहे थे। यहां उनके पड़ोसी का दावा है कि घोष की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था और इसके 2 हफ्ते बाद ही उसने अपनी पत्नी के साथ मारपीट की थी। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार उनके एक पड़ोसी ने बताया कि एक बार मेरी घोष के साथ बड़ी बहस हुई थी। घोष का व्यवहार हमेशा से खराब था। मुझे बाद में पता चला था कि वह डॉक्टर है। वहीं, डॉ. अली अख्तर ने भी आरोप लगाया है कि संदीप घोष अपने गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई किया करते थे। अख्तर ने कहा कि मैंने अपने पूरे करियर में इतना खराब आदमी नहीं देखा है। वह एक माफिया किंग जैसा है। उसने अपनी निजी सुरक्षा के लिए 20 लोग और 4 बाउंसर रख रखे थे।
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