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कश्मीर का पूरा चुनाव बदल देगा ये शख्स! बड़ी पार्टियों के छूटे पसीने, उमर अब्दुल्ला को 3 महीने पहले दी मात

Jammu Kashmir Assembly Election 2014: राजनीति में शेख राशिद की एंट्री 2008 के विधानसभा चुनाव से हुई। उन्होंने कुपवाड़ा के लंगेट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत गए। 2013 में राशिद ने आवामी इत्तेहाद पार्टी बनाई। 2014 के चुनाव में वह दोबारा जीते। हालांकि इसी साल लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
10:38 AM Aug 28, 2024 IST | Nandlal Sharma
कश्मीर का पूरा चुनाव बदल देगा ये शख्स  बड़ी पार्टियों के छूटे पसीने  उमर अब्दुल्ला को 3 महीने पहले दी मात
बारामूला से निर्दलीय सांसद राशिद इंजीनियर | फाइल फोटो

Jammu Kashmir Assembly Election 2014: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर सबकी निगाहें हैं, लेकिन घाटी की तमाम पार्टियों की निगाहें दिल्ली की एक अदालत पर टिकी हैं, जो बुधवार को बारामूला से लोकसभा चुनाव में जीते राशिद इंजीनियर की जमानत पर सुनवाई कर सकती है। अगर राशिद को कोर्ट से जमानत मिलती है तो कश्मीर में चुनाव का पूरा नैरेटिव बदल सकता है। 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में राशिद इंजीनियर जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है। राशिद के इस ऐलान ने घाटी की तमाम पार्टियों की सिरदर्दी बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राशिद इंजीनियर की पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।

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कौन हैं राशिद इंजीनियर

राशिद इंजीनियर साल 2019 से जेल में बंद हैं। उनका असली नाम शेख रशीद है। 2024 के चुनाव में राशिद इंजीनियर ने पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को मात दी। उत्तर कश्मीर की राजनीति में राशिद इंजीनियर एक बड़ा नाम है। वह पहले विधायक भी रह चुके हैं। दिल्ली की तिहाड़ जेल में पिछले 5 साल से UAPA के तहत जेल में बंद शेख राशिद आवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक हैं। साल 2019 में एनआईए ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। 2019 के चुनाव में राशिद निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं मिली।

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राशिद इंजीनियर का जन्म हंदवाड़ा के लाछ मावर में हुआ था। श्रीनगर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले राशिद ने सरकारी विभाग में 25 साल तक इंजीनियर के पद पर काम किया। साल 2003 से राशिद ने उर्दू वीकली न्यूजपेपर चट्टान में राजनीतिक मुद्दों पर लिखना शुरू किया। अपने परिवार से राजनीति में दाखिल होने वाले राशिद पहले शख्स हैं।

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सियासत में राशिद की एंट्री

राजनीति में शेख राशिद की एंट्री 2008 के विधानसभा चुनाव से हुई। उन्होंने कुपवाड़ा के लंगेट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत गए। 2013 में राशिद ने आवामी इत्तेहाद पार्टी बनाई। 2014 के चुनाव में वह दोबारा जीते। हालांकि इसी साल लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। विधायक बनने के बाद भी राशिद बिना सुरक्षा के अपनी छोटी सी कार से आते जाते थे। 2015 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनके साथ धक्की-मुक्की हुई। 2015 में दिल्ली प्रेस क्लब में उन पर स्याही फेंकी गई।

टेरर फंडिंग का मामला

शेख राशिद 2019 से जेल में बंद हैं। वे कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आरोपी हैं। राशिद इंजीनियर का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था। वताली को एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्तीय मदद देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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