स्पेस मिशन के लिए तैयार हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जानिए उनके बारे में 5 Facts
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इस समय अपने गगनयान मिशन पर जुटा हुआ है। लेकिन, उससे पहले इसरो इसी साल भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष की सैर पर भेजने की तैयारी में है। इसके लिए इसरो ने अमेरिकी की एक अंतरिक्ष एजेंसी के साथ हाथ मिलाया है। इसरो ने एक्सिओम स्पेस के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के मिशन के लिए चुना गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस मिशन में शुक्ला मुख्य पायलट होंगे और नायर उनके बैकअप के तौर पर काम करेंगे। आइए जानते हैं शुभांशु शुक्ला के बारे में 5 अहम बातें।
1. शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश की राधानी लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। उन्हें हाल ही में ग्रुप कैप्टन की रैंक पर प्रमोट किया गया था। इससे पहले वह विंग कमांडर थे।
2. शुक्ला नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के पूर्व छात्र रहे हैं। 17 जून 2006 को उन्हें भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था।
3. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के लि एवह एक्सिओम-4 फ्लाइट की कमान संभालेंगे। इसके लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के रॉकेट और क्रू ड्रैगन का इस्तेमाल किया जाएगा।
4. उन्होंने प्रतिष्ठित टैक्टिक्स एंड कॉम्बैट डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (TACDE) स्कूल से फाइटर कॉम्बैट लीडर कोर्स पूरा किया है। वह लगभग 2000 घंटे के फ्लाइंग एक्सपीरियंस वाले टेस्ट पायलट हैं।
5. शुभांशु शुक्ला अपने करियर में कई तरह के एयरक्राफ्ट उड़ा चुके हैं। इन विमानों में सुखोई एसयू-30, मिग021, मिग-29, जैगुआर, बे हॉक, डोमिनियर और एएन-32 आदि एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
बता दें कि शुभांशु शुक्ला और प्रशांत नायर, दोनों ही उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं जिन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित वापस लाना है। इस प्रोग्राम पर काम तेज रफ्तार से चल रहा है। नासा से मान्यता प्राप्त सर्विस प्रोवाइडर एक्सिओम के साथ इसरो की इस डील को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत को अपने भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए इस समझौते से काफी फायदा मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों में अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन के मामले में भारत की स्थिति पहले के मुकाबले काफी मजबूत हुई है।